सेवा की भावना मुझे मेरे पिता से मिली: सुनील कुमार पुर्बे
INN\Patna, @Infodeaofficial
दूरदर्शन बिहार के बेहद खास प्रोग्राम बिहार बिहान मे शनिवार को बिहार के प्रमुख समाजसेवी व मैन ऑफ़ सिविलियन और संकट मोचन के नाम से प्रसिध मा भगवती एंड तिरुपति बालाजी कल्याण केंद्र पटना के प्रेसीडेंट सुनील कुमार पुर्बे मुखय अतिथी के रूप मे शामिल हुए। सुबह 8से 9तक लाइव प्रसारित हुए 1घण्टे के इस प्रोग्राम मे सुनील कुमार पुर्बे ने संस्था के उद्देस्या अवं उनकेसमाज सेवा करने के तरीकों को दर्शोकों से साझा किया।
उन्होने कहा की मुझे सेवा करने , लोंगों का कल्याण करने की प्रेरणा मेरे पापा स्वर्गिय रामचंद्र् पुर्बे से बचपन से ही मिलता रहा,उन्होने कहा की मेरी मा श्री मती यशोदा देवी ,भाई संजय कुमार पुर्बे,और बहंन सुनीता कुमारी का भरपुर सहयोग मिला जिससे की मै इन सारे वर्क को कर पाया।
उन्होने कहा की मेरे पापा स्वर्गीय रामचंद्र् पुर्बे हमे बराबर प्रेरित करते थे की इन्सान को बराबर अच्छा काम करना चाहिये पापा बोलते थे की बेटा संपति के उतराधिकारि तो बहुत लोग हो सकते हैं पर आपके कर्मों के उतराधीकरि सिर्फ और सिर्फ आप होँगे अतह जीवन मे बराबर अच्छा काम करें।
सुनील कुमार पुर्बे ने एक सवाल के जबाब मे कहा की सेवा करने का अपना अपना तरीका हो सकता है पर सेवा बराबर दिल से होनी चाहिये तभी हम आगे बढकर लोंगों की सच्ची मदद कर पायेंगे।उन्होने यह भी कहा की यदि आप मे दृढ इच्छा शक्ती है और समाज के लिये कुछ कर गुजरने का जज्बा है तो धन बहुत अधिक माय्ने नही रखता।
उन्होने कहा की आप्के पास 100रुपए है और आपका 99से भला नही हो सकता तो 100से भी नही हो सकता। उन्होने कहा की 2011से हरेक मंथ हर्ताली मोर पर मा दक्षिनेस्वरि काली मंदिर मे भंडारे का आयोजन करते थे,करीबन 1200से 1500लोग हरेक भंडारे मे प्रसाद पाते थे।
भंडारे के बारे मे उन्होंने बताया की 2009मे वो सब क्रिकेट खेल रहे थे इसी बीच मेरे बरे भाई संजय कुमारपुर्बे को बॉल से आँख मे चोट लग गयी तो पटना के डॉक्टर ने सलाह दिया की एक बार इन्हे शंकर नेत्रलया मद्रास दिखा लें तो बेहतर होगा इसी के कारण हम दोनो भाई मद्रास गये तो भगवान की कृपा से सब ठीक था तो वही मेरे दिल मे तिरुपति बालाजी के दर्शन की इच्छा जागृत हुई। दर्शन करने के बाद हमलोग ने वहां का भंडारे का प्रसाद खाया तो दिल मे इच्छा हुई की हमलोग भी इसी तरह का आयोजन पटना मे करें जिसमें भूखे लोग भोजन के रूप मे और बांकी लोग प्रसाद के रूप मे लेंगे।
इसी सोच के साथ मे पटना आया पर बात आयी और चली गयी 3 महिने बाद हम अपनी नौकरी के सिलसिले मे अमृतसर गये जहां हमारी कंपनी की नेशनल मीटिंग थी। (मै भारत की एक बरी कंपनी मे स्टेट हैड हुँ)सो मै स्वर्ण मन्दिर गया वहां भी लंगर छक ये महसूस किया की लंगर भंडारे ही एक ऐसी जगह है जहां फकीर से सम्राट तक एक ही पंक्ति मे प्रसाद पाते हैं
मैने सोचा की अब जल्द शुरु करूंगा, वहां से लौट सोच ही रहा था की अब शुरु करूंगा की इसी बीच हमे अपने जॉब के सिलसिले मे बिहटा जाना परा लौटने मे शाहपुर के पास हमने देखा की एक कूरेदान से 3 बच्चे कुछ निकालकर खा रहे तो हिर्दय द्रवित हो गया और हमने खूद से कहा की अभी नही तो कभी नही। अगले दिन हम अपने परिवार अवं मित्रो के साथ योजना बनाई और इस तरह 18feb 2011को पहला भंडारे सफलता पूर्वक संपनं हुआ जिसमें करीब 1000 लोंगों ने प्रसाद लिया।
सुनोल कुमार पुर्बे ने कहा की आपके पास 100रुपया है और यदि इस 100रुपये से आप 5भूखे को भोजन करा देते हैं तो उनके चेहरे पर जो चमक आयेगी और आपको जो सकुन मिलेगा वो बताया नही जा सकता,ठीक इसी तरह यदि आप उसी 100रुपये से एक फ़ेयर ऐण्ड लवली खरीद और 30दिन चेहरे पर लगाते हैं तो मेरा दावा है की आपके चेहरे वो चमक कभो नही आ सकती जो आप आपको उन भूखों को खिलाकर प्राप्त होगी।
उन्होंने कहा की हमलोग अभी तक 173मेगा फ़्री हेल्थचेक अप कैंप के सहारे 1लाख से अधिक लोंगो का इलाज वर्ल्ड फेम डॉक्टर से करवा चुका हुँ साथ ही 2करोड़से अधिक की सेवा पीरित मानवता को प्रदान की है। उन्होने कहा की इंडियन आर्मी का आभारी हुँ की उन्होने हमे 52से अधिक प्रोग्राम की सेवा करने का अवसर दिया साथ ही समय समय पर उन्होनें मुझे प्रोत्साहन अवं सम्मान भी दिया है।
उन्होने कहा की हमारी संस्था का उदेश्य फाइट अगेंस्ट हंगर एंड डिजीज है और संसार मे कोई इन्सान भूखा ना सोये। उन्होनें कहा की संस्था के 100वें प्रोग्राम मे तत्कालीन गवर्नर श्री राम नाथ कोविंद जो वर्तमान मे भारत के महामहिम हैं ने मुख्या अतिथी के रूप मे आकर जो होसला बढाया उसके लिये मै दिल से महामहिम का आभारी हुँ।
2013मे महानायक अमिताभ बच्चन ने भी भंडारे के लिये काफी हौसला अफजाई की और सम्मान भौ दिया। सुनील कुमार पुर्बेअभी तक 43बार रक्त दान कर चुके हैं। जीते जी रक्त दान अवं मरणोपरांत देह ,नेत्र अवं अंग दान के लिये उनकी मुहिम काफी रंग ला रही है।इसके लिये वो जागरुकता अभियान के साथ साथ लोंगों की भ्रांति को भी दूर कर रहे।
इसी के साथ साथ उन्होने 3नेत्र हीन बच्ची जिस्ने बच्च्पन से अभी तक दुनिया नही देखी थी उसे पटना के मशहूर चिकित्सक से कोर्निया में ट्रांसप्लांट करा कर नई रोशनी अवं नई जिन्दगी प्रदान की। आज वो तीनो बच्ची इस रंग बिरंगी दुनिया को अपने आंखों से देख रही है।
ये पूरी तरह सर्जरी पूरी तरह फ़्री की गई