मेट्रो, लोकल ट्रैन, पुलिस प्रशाशन के लचर रवैये ने किया एयर शो को फीका
Ritesh Ranjan/Chennai, @royret
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में रविवार को हुए एयरफोर्स द्वारा आयोजित एयर शो का आयोजन किया गया जिसमें प्रशाशन द्वारा अपर्याप्त इंतज़ाम के कारन 5 लोगों की मौत हो गयी और 200 से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। गौरतलब है कि यह एयर शो 21 साल के बाद मरीना बीच पर आयोजित किया गया था। वर्ष 2003 में जब पिछली बार एयर शो का आयोजन किया गया उस वक़्त राज्य में जयललिता की सरकार थी। उस वक़्त इस आयोजन को देखने के लिए 13 लाख से ज्यादा लोग जुटे थे लेकिन उस वक़्त ऐसी कोई भी अप्रिय घटना देखने को नहीं मिली थी। इस बार इस शो को देखने के लिए 15 लाख से ज्यादा लोग जुटे थे। इस शो ने लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में अपना नाम तो दर्ज करा लिया लेकिन दिन ढलने के बाद 5 लोगों की मौत और 200 से अधिक लोगों अस्पताल में भर्ती कराये जाने की खबर ने प्रशाशन के सरे इंतजाम को धत्ता साबित कर दिया।
हालाँकि कि घटना के तुरंत बाद राज्य के स्वस्थ्य मंत्री ने अपनी ओर से सफाई देते हुए कहा कि हमने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त इंतज़ाम कर रखे थे। कार्यक्रम स्थल पर चिकित्सा सुविधाएं, पैरामेडिक टीमें और पीने का पानी उपलब्ध था, साथ ही मरीना बीच पर 40 एम्बुलेंस और दो स्वास्थ्य टीमें तैनात थीं, जिन्हें भारतीय सेना का समर्थन प्राप्त था। हालांकि, बीच के आसपास की सड़कें बहुत भीड़भाड़ वाली हो गईं और सार्वजनिक परिवहन पर बहुत ज़्यादा भीड़ हो गई, जिससे कई लोगों को लंबी दूरी पैदल चलकर तय करनी पड़ी। थोड़ी देर के लिए भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई, लेकिन पुलिस ने उसे नियंत्रित कर लिया।
उन्होंने बताया कि आपातकालीन सहायता के लिए चालीस एम्बुलेंस तैनात की गई थीं, साथ ही किसी भी चिकित्सा आकस्मिकता के लिए पैरामेडिकल टीमें तैयार थीं। मरीना बीच पर संभावित बड़ी भीड़ की तैयारी में, 7,500 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया था। इसके अतिरिक्त, राजीव गांधी सरकारी सामान्य अस्पताल सहित सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 100 बिस्तर और 65 डॉक्टरों को स्टैंडबाय पर रखा गया था। चेन्नई मेट्रोपॉलिटन कॉर्पोरेशन और चेन्नई जल और सीवरेज बोर्ड ने आयोजन स्थल पर पर्याप्त अस्थायी शौचालय और पीने के पानी की सुविधा सुनिश्चित की।
लेकिन प्रत्यक्षदर्शी कि मने तो राज्य सरकार द्वारा कि गयी व्यवस्था नाकाफी थी। मरीना बीच पर इस शो को देखने के लिए महानगर के चहु ओर से लोग आ रहे थे जिसके कारन लोकल ट्रैन और स्टेऑन पर खचाखच भीड़ लगी हुई थी। राज्य सरकार के कथन के मुताबिक वह किसी प्रकार के पानी या फिर एम्बुलेंस कि व्यवस्था नहीं थी। एम्बुलेंस को समुद्र के निकट बने सर्विस लेन वाले रोड पर रखा गया था और लोग तेज धुप और डीहायड्रेसन के कारन रस्ते पर ही मूर्छित हो रहे थे जिनको ले जाने के लिए भीड़ वाली सड़क पर एम्बुलेंस को ले जाना मुश्किल था। यह सीन केवल मरीना बीच पर नहीं बल्कि उसको कनेक्ट करने वाले सभी रस्ते पर था। कई बाइक सवार बीच रस्ते में ही मूर्छित हो गए।
वही मेट्रो स्टेशन पर सामान्य से चौगुना भीड़ देखी गयी। वही मरीना बीच की ओर से जाने वाले सभी एमटीसी बसों का रूट बदल दिया गया था। अपने वाहन से आने वाले लोगों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। मरीना बीच को कनेक्ट करने वाले सभी रोड को बंद कर दिया गया था। मरीना आने वाले रोड पर करीब पांच-छह किलोमीटर और किसी रूट पर दस किलोमीटर से अधिक तक ट्रैफिक जाम लगा हुआ था। रविवार का दिन होने के कारन काफी लोग इस एयर शो को देखने आये थे। ट्रैफिक जाम की स्थिति इतनी ख़राब थी कि मरीना आने वाले रस्ते पर ट्रैफिक जाम कार्यक्रम ख़तम होने के बाद भी लगा और लोग ये लोग शो देखने से चूक गए।
कार्यक्रम ख़तम होने के बाद जैसे ही मुख्यमंत्री समेत अन्य वीआईपी का काफिला वहां से निकला उसके बाद अफरा तफरी मच गयी। वहां आये लोग अब घर जाने के लिए निकले तो जाने के लिए खली नहीं था। मरीना बीच कि सड़क लोगों से खचाखच भरी हुई थी। कड़ी धुप में सुबह से दोपहर तक खड़े रहने के कारन कई लोग डीहायड्रेसन का शिकार हो गए और वही मूर्छित होने लगे। पुलिस को ट्रैफिक नियंत्रित करने के लिए रखा गया वह सब मौके से नदारद दिखे।
गौरतलब है कि चेन्नई ट्रैफिक पुलिस ने मीडिया के माध्यम से लोगों को यह जानकारी दीं थी कि वो निकट के मेट्रो या एमआरटीएस स्टेशन पर सरकारी बस की व्यवस्था रहेगी जिससे लोगों को मरीना बीच पर लाया जाएगा जिसकी कोई व्यवस्था नहीं थी। लोगों को दो से तीन किलोमीटर चल कर मरीना आना पड़ा। वही मीडिया को सुबह के समय मरीना विशेष वहां से लाया गया लेकिन कार्यक्रम ख़तम होने के बाद भीड़ को देखते हुए उन्हें भी पैदल स्वयं जाने को कह दिया गया। दक्षिण रेलवे को और चेन्नई मेट्रो को भीड़ के बारे में पहले से अंदाजा होने के बावजूद कोई अतिरिक्त ट्रैन की व्यवस्था नहीं की गयी थी। कार्यक्रम ख़तम होने के बाद भीड़ में भगदड़ मचने की वजह से लोगों को हादसे का शिकार होना पड़ा।
इस घटना के बारे में भाजपा प्रवक्ता नारायण तिरुपति का कहना है की पूरी तरह से राज्य सरकार के मशीनरी का फेलियर है। सुबह से ही रेलवे, मेट्रो सेशन और बस स्टॉप पर लोगों का ताँता लगा हुआ था। मई मानता हूँ कि यह सब इंटेलिजेंस, पुलिस, ट्रैफिक पुलिस और चेन्नई कारपोरेशन का फेलियर कि वजह से हुआ है। चेन्नई पुलिस को मरीना पहुंचने वाले विभिन्न रोड पर चेक पॉइंट्स बनाना चाहिए था और भीड़ बढ़ने कि आशंका को देखते हुए उन्हें वही रोक देना चाहिए था। चेन्नई कारपोरेशन ने वहां आने वाले लोगों के लिए किसी प्रकार के पानी या टॉयलेट कि अतिरिक्त व्यवस्था नहीं की थी। रविवार के दिन हमने चेन्नई में इतनी ट्रैफिक कभी नहीं देखि थी। राज्य सरकार ने जो आंकलन किया था उसके मुताबिक लगभग 10 लाख लोग मरीना बीच पर इस एर्शोव को देखने पहुंचेंगे लेकिन 15 लाख से ज्यादा लोग इस शो को देखने पहुचे थे और पांच लाख से ज्यादा लोग कार्यक्रम स्थल के बहार थे। करीब 20 लाख के करीब लोग कार्यक्रम को देखने पहुंचे। रज्य सरकार अपनी नाकामियों पर पर्दा देने के लिए अलग अलग कारन गिना रही है। घटना के बाद वो बता रहे है कि उन्होंने लोगों को पहले से ही अपना इंतज़ाम जैसे पानी और छाता लेन को कहा था जो सरासर झूठ है।