मशीन के प्रयोग ने मरीज को छह दिनों के अंदर लीवर प्रत्यारोपण के बाद घर भेजने मं की मदद: डा मोहम्मद नइम

पुरुषेत्तम रेडीआईएनएन/चेन्नई,@Infodeaofficial 

पोलो अस्पताल चेन्नई ने ऑर्गनोक्स मेत्रा नामक एक अंग संरक्षण उपकरण की मदद से सफल लीवर प्रत्यारोपण कीया गया। यह प्रत्यारोप 66 साल के मरीज एस राजेंद्रन का किया गया जो कि लीवर की बीमारी से जूझ रहे थे। यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में अपोलो अस्पताल के लिवर टासंप्लांट इंस्टिटयूट के सिनियर कंसलटेंट डा मोहम्मद नइम ने कहा की यह विशेष उपकरणलीवर को शरीर के अपेक्षित ताप के अनुकूल रखते हुए उत्तकों की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है। यही कारण है कि हमने लीवर प्रत्यारोपण के बाद मरीज को छह दिनों के अंदर घर भेज दिया। 

दरअसल परंपरागत प्रणाली के तहत अंग को संरक्षित रखने के लिए बर्फ के ठंडे बक्से में उसका भंडारण करना पड़ता है, लीवर के लिए तो ऐसा 8-10 घंटे तक करना पड़ता है लेकिन इस नई प्रणाली के तहत मशीन यकृत को शरीर के लिए अपेक्षित तापमान पर बनाए रखते हुए उसे आक्सीजन युक्त रक्त, दवाएं एवं अन्य पोषक तत्व प्रदान करता रहता है। यह लीवर को शरीर के बाहर भी 24 घंटे तक स्वस्थ रखता है। 

गौरतलब है कि यकृत की प्रतीक्षा में बैठे लगभग 20 प्रतिशत रोगियों की उपयुक्त अंगों की कमी के कारण हो जाती है। अस्पताल ने बताया कि इस नई तकनीक के माध्यम से लीवर सिरोसिस से जूझ रहे एस. राजेंद्रन नामक 66 साल के मरीज के शरीर में यकृत का सफल प्रत्यारोपण किया गया है। अपोलो लीवर ट्रांसप्लांट इंस्टीट्यूट के सीनियर कंसलटेंट डॉ. मोहम्मद नईम ने बताया कि इस नई तकनीक ने हास्पीटल खर्च को काफी कम कर दिया है। डॉ. अनिल विद्या नामक एक अन्य लीवर सर्जन ने बताया कि इस प्रणाली से लीवर को 8-10 घंटे की तुलना में 24 घंटे तक स्वस्थ रखा जा सकता है।

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