भारत-ओमान संयुक्त सैन्य अभ्यास अल नजाह का 5वां संस्करण 26 सितंबर को समाप्त हो गया। ओमान के रबकूट प्रशिक्षण क्षेत्र में आयोजित समापन समारोह में ओमान में भारतीय राजदूत अमित नारंग और ओमान में भारतीय डिफेन्स अटैशे कैप्टन हरीश श्रीनिवासन उपस्थित रहे। ओमान की ओर से, 11वीं इन्फैंट्री ब्रिगेड, ओमान की शाही सेना के कमांडर ब्रिगेडियर जनरल अब्दुलकाधिम बिन इब्राहिम अल-अजमी और फ्रंटियर फोर्स के कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल मसूद मुबारक अल-गफरी ने समापन समारोह में भाग लिया।
समापन समारोह से पहले भारतीय सेना और ओमान की शाही सेना की टुकड़ियों द्वारा एक भव्य संयुक्त लाइव-फायर प्रदर्शन किया गया, ताकि संयुक्त राष्ट्र शासनादेश के तहत शांति स्थापना अभियानों में उत्पन्न होने वाली विभिन्न स्थितियों से निपटने के लिए दोनों सेनाओं के बीच संयुक्तता और अंतरसंचालनीयता प्रदर्शित की जा सके। इस युद्धाभ्यास में जिसमें दोनों देशों के करीब 60 सैनिकों ने भाग लिया जो दो सप्ताह तक चला। इस युद्धाभ्यास में हाउस क्लीयरेंस ड्रिल और बंधक बचाव भी शामिल था।
प्रदर्शन के दौरान दोनों पक्षों के निशानेबाजों ने लक्ष्य पर सटीक निशाना साधने के साथ अपनी निशानेबाजी कौशल का भी प्रदर्शन किया। इस आयोजन का मुख्य आकर्षण रियल टाइम में निगरानी और बैलिस्टिक ढाल प्रदान करने के लिए ड्रोन जैसे अत्याधुनिक भारतीय निर्मित उपकरणों का उपयोग था, जिनका इस्तेमाल कमरे में बंद बंधक सुरक्षा के लिए किया गया था। संयुक्त अभ्यास का सफल समापन विश्व शांति बनाए रखने के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इस अभ्यास ने न केवल टुकड़ियों के संयुक्त सामरिक कौशल में सुधार किया, बल्कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सैन्य संबंधों को भी गहरा किया।
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