गाय बचाओ और राष्ट्र बचाओ
आईएनएन/नई दिल्ली, @Infodeaofficial;
गोधन विकास के समर्थन के बिना ग्रामीण विकास और इसकी समृद्धि संभव नहीं है। गाय के पालन पोषण से ग्रामीण अर्थववस्था में काफी योगदान है। बिसार अकबरपुर हरियाणा भारत सरकार के अधीन कार्यरत वाप्कोस के सीएमडी श्री आर के गुप्ता ने श्री गुप्ता कामधेनु गोधाम द्वारा आयोजित मासिक हवन एवं प्रवाचन कार्यक्रम के अवसर आयोजित कार्यक्र्रम के संबोधन के दौरान बताया कि ग्रामीण स्थिरता और पर्यावरण संरक्षण के लिए गो पालन सबसे उपयुक्त माध्यम है। गाय और उसके वंश का योगदान हर किसी को भली प्रकार से पता है। गाय अपने अस्तित्व के माध्यम से किसी भी परिवार को भरण पोषण की व्यापक क्षमता रखती है ।
श्री गुप्ता ने संगठनात्मक आत्मनिर्भरता को बनाए रखने के लिए स्वास्थ्य सम्बन्धी उत्पादों के उत्पादन और बिक्री से संबंधित विभिन्न गतिविधियों को शामिल करने की दिशा में पंचगव्य अनुसंधान और विकास के लिए समर्पित एक मॉडल गोशाला संस्थान – “कामधेनु गोधम” की गतिविधियों की सराहना करते हुए कहा कि आज देशी गायों को संरक्षित परम आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि कामधेनु गोधाम गोशाला में विकास की अनेक गतिविधियां चलाई जा रही है जैसे पंचगव्य उत्पादों का उत्पादन, प्रचार प्रसार, जागरूकता, प्रशिक्षण और देशी गोवंश के स्थानीय नस्ल संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि कामधेनु गोधम न केवल एक आदर्श संस्था है बल्कि वर्तमान पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।
डॉ कमल तावारी, आईएएस (सेवानिवृत्त) भारत सरकार के पूर्व सचिव, और ग्रामीण विकास विशेषज्ञ ने कहा कि ग्रामीण समृद्धि और विकास को बनाए रखने के लिए गायों की सुरक्षा एकमात्र तरीका है और यदि हम गुणवत्ता और स्वस्थ खाद्य उत्पादों के उत्पादन की दिशा में पर्यावरण अनुकूल तकनीकों को अपनाने के बारे में सोचते हैं, तो देश में समृद्धि और खुशहाली का दौर आ जाएगा।
जय भगवान शर्मा, राज्य अध्यक्ष विश्व हिंदू परिषद ने गायों की महत्वता और उसके उत्पादों के गुणों के बारे में बताया कि उनके द्वारा किए गए प्रत्येक योगदान से स्वास्थ्य लाभ होगा होगा। श्री मलिक जो हरियाणा सरकार के उत्पादन शुल्क आयुक्त है, ने स्वास्थ्य विकार को दूर करने के लिए गाय दूध और उसके उत्पादों के उपयोग के प्रति अपने व्यक्तिगत अनुभव को साझा किया।
श्री जय प्रकाश गर्ग, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, विश्व हिंदू परिषद, गोरक्षा विभाग ने गाय संरक्षण के बारे में जागरूकता पैदा करने के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि लोगों को भारत की सांस्कृतिक विरासत के मूल्यों के बारे में सिखाया जाना चाहिए जिसमें गायों का योगदान समझाया जाए। यह कार्य संगठित तरीके से किया जा सकता है, जिसमे सहभागिता आंदोलन को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और इस तरह के पाठ्यक्रम को स्कूल शिक्षा कार्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर, श्री ओम प्रकाश बिस्सर, श्री रमेश आर्य, राखी जिंदल तावडू, श्री आर के अग्रवाल, सुश्री पूजा गर्ग, श्री बी.के आनंद, श्री चंद्रशेखर नई दिल्ली, श्री सुनील दलाल, मानेसर, डॉ गोविंद यादव, भिवाडी, श्री बी खेतान, श्री अनुपम गुप्ता गुरुग्राम से, सचिन देओल जे.इ सिविल और कामधेनु गौधम प्रबंधन समिति के सदस्य, क्षेत्रीय गांव और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। श्री प्रियंक गुप्ता ने कार्यक्रम का संचालन बहुत ही आकर्षक तरीके से किया और सभी गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया।
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