समाज के उपेक्षित व विकलांगों की मदद के लिए लोयला प्रबंधन है हमेशा तैयार: फादर ए. थॉमस
आईएनएन/चेन्नई, @Infodeaofficial
समाज में पिछड़े, उपेक्षित और विकलांग वर्ग के लोगों की मदद के लिए लोयला प्रबंधन अपने शुरूआती दिनों से काम करता है और आगे भी काम करता रहेगा। यह कहना है लोयला कॉलेज के प्रिंसिपल फादर डा. ए. थॉमस का। हाल ही में लोयला कॉलेज में दो किन्नर विद्यार्थियों को दाखिला दिया गया है और उनकी पूरी पढ़ाई मुफ्त होगी। इस बारे में पत्रिका के साथ विशेष वार्ता में फादर थॉमस ने कहा कि हमारे कॉलेज में 107.4 एफएम चैनल चलता है जो कि वर्ष 2005 में शुरू हुआ था और इसका नाम अन्बुदन तोडी रखा गया। ‘अन्बुदन थोडी’ का मतलब होता है ‘मेरे प्यारे दोस्त’।
इस कम्युनिटि रेडियो का संचालन फादर जस्टिन देखते हैं। इस कम्युनिटि रेडियों का मुख्य उद्देश्य पिछड़े, वंचित, विकलांग और उपेक्षित वर्ग के लोगों की मदद कर उन्हें बेहतर कल देना है। इस कार्यक्रम के तहत हम दलित, पिछड़े, जनजाती व आदिवासी लोगों की मदद करते हैं। हमने ऐसे कई लोगों को मदद की है और उन्हें सामाज में सम्मान के साथ बेहतर जिंदगी जीने के लायक बनाया है।
कॉलेज में किन्नरों के दाखिले पर जब प्रिंसिपल से सवाल किया गया तो फादर थॉमस ने बताया कि हम पिछले कई सालों से किन्नरों की मदद के लिए काम कर रहे हैं। हमारे कॉलेज में सबसे पहले वर्ष 2011 एक किन्नर छात्र रोज को दाखिला दिया गया जो आज मशहूर टीवी एंकर है। वह कई किन्नरों के लिए प्रेरणा का श्रोत बनी और तब से हल साल हमारे कॉलेज में हर साल कई विद्यार्थी पढऩे के लिए दाखिला देते हैं।
फादर थॉमस ने बताया कि हम अपने कॉलेज के विद्यार्थियों 150 घंटे का आउट रीच कार्यक्रम देते हैं। जिसमें संस्थान के विद्यार्थी पास व उपेक्षित व गरीबों के रिहायसी इलाकों में कैम्प लगाते हैं। वहां से हमें एसे लोगों से मुलाकात होती है जो उच्च शिक्षा में रुचि रखते हैं लेकिन आर्थिक व किसी अन्य कारणों के कारण इससे वंचित कर सकते हैं। फादर थॉमस ने बताया कि इसी माध्यम से मृदुला और दिया हमारे संपर्क में आई। फादर जस्टिन ने बताया कि लोयला कॉलेज किन्नरों के उत्थान के लिए कई गैर संगठन, थाली, सहोदरन और आईटीआई संस्थान के साथ मिलकर काम करता है।
फादर मरियापकयम जो लोयला कॉलेज में बतौर एडमिशन ऑफिसर काम करते हैं उन्होंने पत्रिका को बताया कि लोयला कॉलेज में केवल किन्नरों को ही नहीं बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर और विकलांग लोगों को भी पढ़ाई के लिए सहायता दी जाती है। फादर ने बताया कि अबतक लोयला कॉलेज से 142 नेत्रहीन और दिव्यांग विद्यार्थियों ने पढ़ाई पूरी की है और उनमें से अधिकांश रोजगार में लग गए या फिर अपना काम शुरू कर लिया है। वहीं कॉलेज में अबतक 8 किन्नरों ने पढ़ाई पूरी की है। उन्होंने बताया कि फिल्हाल कॉलेज के इस कार्यक्रम के तहत 125नेत्रहीन लोग कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं। इस साल भी कई आवेदन आए हैं जो कॉलेज प्रबंधन के विचारधीन है।
कहीं धूप तो कहीं छांव
यही कारण है कि इनको रोजगार देने के लिए काफी कंपनियां योग्यता होने के बावजूद भी अपने हाथ पीछे कर लेती हैं। लेकिन लोयला ब्रांड होने की वजह से अब ऐसे लोगों को रोजगार पाने में कोई असुविधा नहीं होती। यही नहीं कॉलेज प्रबंधन दो कदम आगे बढक़र इन लोगों के लिए कुछ एसी परियोजनाओं पर काम कर रहा है, जिससे किन्नरों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा सकें। फादर डा. ए. थॉमस, प्रिंसिपल, लोयला कॉलेज