भारत की शिक्षा व्यवस्था को विश्वस्तरीय बनाएगा जी-20 का एजुकेशन सम्मिट : प्रो. कामकोटी
भारत की शिक्षा व्यवस्था में इस जी-20 एजुकेशन सम्मिट के बाद बहुत से बदलाव की सम्भावना बनती है। जी-20 के एजुकेशन सम्मिट में हमें विभिन्न देशों की शिक्षा पद्धति को समझने और जानने का मौका मिलेगा। दूसरे देशों में कैसी तकनीकपरक शिक्षा का व्यवहार हो रहा है यह जानने और समझने को मिलेगा। खास बातचीत में आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी कामकोटी ने कहा हमें जी-20 एजुकेशन सम्मिट की मेजबानी का मौका मिलने पर गर्व महसूस होता है। उन्होंने बताया कोरोना के कहर के बाद से शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव यह आया कि अब शिक्षा को तकनीक की मदद से हम मद्रास से दूर मधुबनी में बैठे बच्चों को भी वही चीजें पढ़ा सकते हैं जो यहां पढ़ते हैं। फिर भी कुछ ऐसे परीक्षण हंै जो लैब में ही संभव हैं उनको दूर बैठे विद्यार्थी के लिए संभव बनाने पर काम करने की जरुरत है।
कामकोटी ने बताया की इस सम्मिट से हमें दूसरे देश के शिक्षण संस्थानों के साथ टाई करने के साथ ही एक ऐसे कोर्स को विकसित कर पाएंगे जिनका कुछ अंश यहां और कुछ अंश जो वहां के विश्वविद्यालय में खास है वह पढ़ा पाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूर दृष्टि सोच की वजह से हमारे देश में जो नई शिक्षा नीति आई है वह ऐसे प्रयोगों को काफी बढ़ावा देती है।
रोजगार और उद्योग के विकास पर उन्होंने कहा यह सम्मिट हमें इस क्षेत्र में सुधार के साथ विकास करने का मौका मिलेगा। यहां जब हम विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों से मिलेंगे तो उनसे उनके देश की तकनीक और जरूरतों को समझ पाएंगे। उनकी तकनीक समझने से हम अपनी तकनीक में बदलाव या सुधार ला सकेंगे। हमारे यहां कई स्टार्टअप कई ऐसे उत्पाद तैयार कर रही हैं जो उन देशों की जरूरत को पढ़ती हैं। इससे हमारे देश में रोजगार और उद्योग बढ़ेंग, साथ हमारे देश में दूसरे देश के लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
तीन दिवसीय जी-20 एजुकेशन सम्मिट के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इन तीन दिन में हम शिक्षा के साथ साथ अपने देश की कला संस्कृति का भी प्रदर्शन करेंगे। यही मौका है जब बाहरी देशों से आने वाले प्रतिनिधियों को हम अपनी कला व संस्कृति से अवगत करें।