बिहार सरकार का ध्यान शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर

आईएनएन/पटना, @Infodeaofficial 

बिहार की शिक्षा व्यवस्था एक लंबे समय तक बदनाम रही. हालांकि, पिछले एक दशक से इसमें सुधार के सारे उपाय किये जा रहे हैं. स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता के साथ अब गुणवत्ता पर भी काम किया जा रहा है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने नया आदेश निकाला है. इसके तहत, वो खुद रोज दस स्कूलों में वीडियो कॉल करके शिक्षकों से बात करेंगे. देखें ये रिपोर्ट.

बिहार सरकार शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर काम कर रही है. इसी कड़ी में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने नया आदेश दिया है. एसीएस एस. सिद्धार्थ अब खुद रोज राज्य के 10 स्कूलों के शिक्षकों से वीडियो कॉल पर बात करेंगे. इसे लेकर उन्होंने अपना मोबाइल नंबर भी जारी किया है. जबकि अन्य जिलों में पदस्थापित शिक्षा विभाग के पदाधिकारी भी हर दिन स्कूल शिक्षकों से बातचीत कर रिपोर्ट तैयार करने का आदेश किया गया है.

एस सिद्धार्थ ने बीते दिनों राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी विद्यालयों का कुछ गुप्त लोगों के माध्यम से निरीक्षण करवाया था. इसमें कई बातें निकलकर सामने आई थी. इसमें बताया गया है कि कई शिक्षक हाजिरी बनाकर ड्यूटी से गायब भी हो जा रहे थे. फिर आउट की हाजिरी बनाने विद्यालय पहुंच जा रहे थे. ऐसे में शिक्षा विभाग के मुख्यालय से ही अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ विद्यालयों की मॉनिटरिंग में लग गए हैं. वीडियो कॉल पर वो स्कूल की स्थिति, शिक्षकों और बच्चों की उपस्थिति और बच्चों से भी बात कर रहे हैं.

हालांकि, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के फैसले से शिक्षकों में हड़कंप भी मच गया है. एसीएस एस सिद्धार्थ ने पटना में बैठे-बैठे करीब 250 किमी दूर पश्चिम चंपारण के एक स्कूल में अचानक वीडियो कॉल करके स्कूल के शिक्षक और हेडमास्टर से बात की. उन्होंने वीडियो कॉल कर प्रधानाचार्य को पूरे स्कूल को दिखाने को कहा. स्कूल में बच्चों की कम उपस्थिति पर चिंता जाहिर की. एस सिद्धार्थ ने प्रधानाचार्य से पूछा कि नामांकित बच्चों की संख्या और उपस्थित बच्चों की संख्या में अंतर क्यों है?

जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि एक स्कूल में 523 छात्र-छात्राओं की जगह सिर्फ 116 स्टूडेंट्स ही उपस्थित थे. जबकि पिछले एक सप्ताह के दौरान 350 से अधिक बच्चों की उपस्थिति दर्ज थी. ऐसे में इस बात की आशंका जताई गई है कि उनकी ओर से छात्र-छात्राओं की वास्तविक उपस्थिति से तीन गुना से अधिक उपस्थिति पंजी में दर्ज कर मध्याह्न भोजन योजना की राशि और खाद्यान्न का दुरुपयोग किया जाता है. इसे लेकर, प्रधानाध्यापक को 24 घंटे के अंदर जवाब देने का निर्देश दिया गया है.

बिहार में हाल के दिनों में लाखों की संख्या में शिक्षकों की बहाली राज्य सरकार ने की है. इसके बाद, स्कूलों में शिक्षकों की कमी की परेशानी लगभग खत्म हो गयी है. ऐसे में अब सरकार और विभाग का ध्यान शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने पर है.

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