आईएनएन/चेन्नई, @Infodeaofficial
बारहवीं कक्षा के राज्यबोर्ड के विद्यार्थियों के विषयों की संख्या 6 से 5 करने की योजना पर तमिलनाडु सरकार विचार कर रही है। इस योजना के तहत जिन विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग पढऩे की इच्छा है उन्हें जीव विज्ञान नहीं पढऩा पड़ेगा। वहीं एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को गणित नहीं पढऩी होगी।
तमिलनाडु सरकारी परिक्षा निदेशालय के सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार दसवीं कक्षा तक भाषा के विषयों को जोडऩे की योजना बना रही है। विचार-विमर्स के बाद कैबिनेट इसपर अंतिम निर्णय लेगी। करीब 10 साल के गैप के बाद पिछले साल ही राज्य बोर्ड का पाठ्यक्रम बदला गया था और कक्षा 12वीं के अंक घटाकर 1,200 से 600 किए गए थे।
हालांकि नवीनीकृत कंटेंट और परीक्षा पैटर्न को प्रशंसा मिली लेकिन सिलेबस की गुणवत्ता पर सवाल उठाया गया। यही कारण है कि स्कूली शिक्षा विभाग और टीएनडीजीई के अधिकारियों ने हाल ही में एक बैठक कर इन मुद्दों पर चर्चा की कि परीक्षा पैटर्न और सिलेबस में क्या और बदलाव किया जा सकता है।
उसी प्रकार से जिन विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग और एमबीबीएस दोनों पढऩे की इच्छा है उनके लिए अलग स्ट्रीम बनेगा। वहीं भाषा में अंग्रेजी जोड़ी गई है। मेडिकल पढऩे की इच्छा रखने वाले विद्यार्थी भौतिकी, रासायन और जीवविज्ञान पढ़ेंगे वहीं इंजीनियरिंग पढऩे वाले विद्यार्थियों को जीवविज्ञान से छुटकारा दिया गया है।
इस नए नियम के आने के बाद कुल अंक 600 से कम होकर 500 हो जाएंगे। इससे तकनीकी संस्थानों में सीटें खाली भी नहीं रहेंगी। तमिलनाडु में विज्ञान के टॉपर एमबीबीएस और इंजीनियरिंग सीट दोनों के लिए कोशिस करतें हैं और एमबीबीएस सीट मिलने पर इंजीनियरिंग सीट छोड़ देते हैं। जहां तक कक्षा दसवीं की बात है उसमें भाषा के दोनों विषयों को एक साथ मिलाकर प्रश्नपत्र बनाने की बात की जा रही है।
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