पुरानी यादें हुई ताज़ा : एल्युमिनाई मीट

श्रुति सिंघल, आईआईएन/ग्वालीयर, @Infodeaofficial 

सरस्वती विद्या मंदिर गोरखी की एल्युमिनाई मीट में शामिल हुए 1988 बैच के स्टूडेंट्स

तीस साल पहले स्कूल का माहौल अलग रहता था। उस समय हम लोग केवल पढ़ाई करने के उद्देश्य से ही आते है। हमारे समय क्लास के नाम महापुरुषों के नाम पर होते  थे। उस समय हमारी क्लास का नाम चंद्रशेखर आज़ाद था। स्कूल का घोष बैंड हुआ करता था, जो गणतंत्र दिवस पर  प्रस्तुति देता और स्कूल बैंड के सदस्य महाराज बाड़े का एक राउंड लगाते थे।

इस दौरान लोग फूल बरसाकर हम लोगों का स्वागत करते थे। यह कहना है 1988 बैच के एल्युमिनाई गिर्राज अग्रवाल ओर रितु अरोरा का। वह एल्युमिनाई मीट में पुरानी यादें ताज़ा कर रहे है। यह आयोजन सरस्वती विद्या मंदिर की ओर से था। इसमें देशविदेश में सेवाएं दे रहे एल्युमिनाई शामिल हुए थे। इनमें कई ऐसे भी स्टूडेंट्स थे, जो विदेश में इंटरनेशनल कंपनीज में सेवाएं दे रहे है।

टीचर्स का हुआ सम्मान

एल्युमिनाई मीट के दौरान टीचर्स को सम्मानित किया गया। इसमें प्रहलाद सिंह कोरव सहित कई टीचर्स शामिल थे। कार्यक्रम में शामिल टीचर्स ने भी अपने अनुभव शेयर किए व ऊंचे पदों पर अपने पढ़ाए स्टूडेंट्स के बारे में सुनकर खुशी से उनकी आंखों से आंसू छलक आए।साथ हीछात्रों ने कहा कि बेहतर मार्गदर्शन की बदौलत आज हम लोग इस मुकाम पर है। वहीं टीचर्स ने कहा की आज के समय में ऐसे छात्रों का मिलना मुश्किल है।

 

ग्रुप बनाकर करते थे क्लास बंक

सबसे पहले एल्युमिनाई गोरखी स्थित स्कूल का भ्रमण किया। क्लास में बैठे और टीचर्स की डांट, फटकार को याद किया। इस दौरान उन्होंने कई किस्से भी शेयर किए। गुरुप्रकाश ने बताया कि एक बार जब हम क्लास बंक कर के फिल्म देखने गए थे, तब टीचर को पता चलने पर खूब पनिश किया गया था। वहीं सतेंद्र ने बताया कि प्रहलाद सर के क्लास में आते ही हम सभी की बोलती नहीं निकलती थी।

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