उपराष्ट्रपति के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रवेश लेने वाले आंध्र प्रदेश के छात्रों को राहत

आईआईएन/नई दिल्ली, @Infodeaofficial

पराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु ने आज केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री, डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ को सलाह दी कि सभीप्रदेशों के हायर सैकेंडरी या इंटरमीडियेट बोर्डों को यह सिफारिश जारी करने पर विचार किया जाना चाहिए कि जो शिक्षा बोर्ड अपने परिणामग्रेडों में जारी करते हैं उन्हें साथ ही में अंक भी जारी करने चाहिए जिससे प्रतिशत के आधार पर विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदनकरने में सरलता हो।

आज उपराष्ट्रपति ने केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री को संसद भवन में अपने कक्ष में बुला कर इस मुद्दे पर चर्चा की। इससे पहले आंध्रप्रदेश के कुछ छात्रों ने उपराष्ट्रपति से मिलकर, दिल्ली विश्वविद्यालय में उनके प्रवेश में आ रहे व्यवधान से, उन्हें अवगत कराया था।

आंध्र प्रदेश के इंटरमीडिएट बोर्ड ने 2017-18 से प्रथम वर्ष के लिए ग्रेडिंग प्रणाली लागू की थी, जो 2018-19 के द्वितीय वर्ष के लिए भी लागूरही। ग्रेडिंग प्रणाली के तहत छात्रों को हर विषय में ग्रेड दिये जाते हैं।

चूंकि दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश अंकों के प्रतिशत के आधार पर मिलता है, अत: इन छात्रों ने यह मुद्दा उपराष्ट्रपति के समक्ष उठाया।

कुछ दिन पहले उपराष्ट्रपति ने संबंद्ध अधिकारियों को दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन को छात्रों की समस्या से अवगत कराने के निर्देश भीदिये थे। उपराष्ट्रपति के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस विषय पर संबंद्ध अधिकारियों से चर्चा भी की थी।

इससे पूर्व आज ही सुबह उपराष्ट्रपति ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. योगेश कुमार त्यागी तथा छात्र कल्याण के डीन प्रो. राजीवगुप्ता से अपने आवास पर, इस समस्या पर विस्तृत चर्चा भी की। कुलपति ने विश्वास दिलाया कि छात्रों के हितों का संरक्षण किया जायेगाऔर प्रवेश अंकों के प्रतिशत के आधार पर दिया जायेगा न कि ग्रेड या CGPA के आधार पर।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने आंध्र प्रदेश के छात्रों को ईमेल तथा SMS के माध्यम से सूचित किया है कि वे इंटरमीडिएट बोर्ड से अपने अंकोंको डाउनलोड कर, उसे दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए आवेदन के साथ अपलोड करें।

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