आईआईटी मद्रास में हुआ वेब साइंस सिम्फोजियम

आईआईएन/चेन्नई, @Infodeaofficial

वेब और वेब साइंस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समाहित रहता है। इंडियन इंस्ट्यिूट ऑफ टेक्रोलॉजी (आईआईटी) मद्रास में सोमवार को दो दिवसीय वेब साइंस सिम्फोजियम को संबोधित करते हुए इंगलैंड के युनिवर्सिटि ऑफ साउथएम्पटोन के कम्प्यूटर साइंस विभाग के प्रोफेसर डमे वेंडी हॉल ने कहा कि किसी को निजी सेवा और प्रदर्शन बढ़ाने के लिए वेब सर्विसऔर सोशल नेटवर्क आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तमाल करते हैं।

वेब वैज्ञानिक अपने शोध के लिए आर्टिफिशियल इेंटेलीजेंस का इस्तमाल करते हैं। इस सिम्फोजियम का उद्देश्य देश विदेश के वैज्ञानीक और शोधकर्ताओं के बीच विचारों को विनिमय करना और उसका सार्थक इस्तमाल करना है।  वेब मानव जो कंटेंट बनाता है और तकनीक जो इसे सक्रिय करता है के बीच सह-निर्माण से तैयार होता है।

इसका निर्माण बेहतर चीजो के लिए किया गया है पर जैसे-जैसे यह बड़ा होता जाता है इसमें साइबर बुलिंग, फेक न्यूज आदि जैसी बुराइयां भी शामिल होने लगती है। 

कार्यक्रम का आयोजन इंगलैंड स्थित गैर सरकारी संस्थान वेब साइंस ट्रस्ट द्वारा आयोजित किया गया है। यह संस्थान वेब साइंस के वैश्विक विकास के लिए काम कर रहा है। सिम्फोजियम में वेब साइंस ट्रस्ट और विभिन्न देशों से विशेषज्ञ लेक्चर देंगे। 

इस मौके पर आईआईटी मद्रास के आरबीसी-डीएसएआई के प्रमुख प्रोफेयर बी. रविंद्रन ने कहा कि वेब साइंस में हमें भारत संबंधित चुनौतियों पर चर्चा करने की जरूरत है। भारत में वेब विज्ञान शोध को प्रमुखता देने के लिए सिम्फोजियम के माध्यम से अकादमिक और उद्योग को एक साथ लाने और चुनौतियों व उसके समाधान पर चर्चा करने की जरूरत हैं।

वेब एक वाहन की तरह है जो समाज में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को बड़े स्तर पर लोगों तक पहुंचाता है। इस मौके पर नार्थवेस्र्टन युनिवसिर्टि के बिहेवेरियल साइंस के प्रोफेसर डा. नोशिर एस समेत कई अन्य लोग मौजूद थे।

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