कैंसर की तुलना भ्रष्टाचार से करना गलत-डॉ. वी. शांता

आईएनएन/पीआईबी, नई दिल्ली; @infodeaofficial;

चेन्नई. शहूर कैंसर विशेषज्ञ एवं पद्मभूषण से समानित चेन्नई कैंसर संस्थान की मौजूदा अध्यक्षा वी. शांता ने पीएनबी प्रमुख सुनील मेहता के उस बयान का कड़ा विरोध किया है जिसमें उन्होंने भ्रष्टाचार की तुलना कैंसर की थी। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार लज्जा का विषय है लेकिन कैंसर नहीं। गौरतलब है कि हाल ही में पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मु य कार्यकारी अधिकारी सुनील मेहता ने मशहूर हीरा व्यापारी नीरव मोदी एवं उसके सहयोगियों द्वारा की गई 12717 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी की तुलना कैंसर से की थी। उनकी इस तुलना को आड़े हाथों लेते हुए डॉ. वी. शांता ने कहा कि भ्रष्टाचार के लिए शर्म आनी चाहिए लेकिन कैंसर के लिए नहीं। मेहता को लिखे एक पत्र में रमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता शांता ने कहा कि कैंसर और भ्रष्टाचार की तुलना नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि जहां समानता संभव ना हो वहां समानता नहीं तलाशनी चाहिए। गौरतलब है कि 2 अरब डालर की धोखाधड़ी के मामले में पंजाब नेशनल बैंक के प्रमुख ने हाल ही में एक संवाददाता स मेलन के दौरान कहा था कि 2011 से ही चल रहे इस कैंसर का पता उन्होंने ही लगाया है और अब इसे ठीक करने का प्रयास कर रहे हैं। उनके कैंसर शब्द का तगड़ा विरोध करते हुए शांता ने कहा कि वे बैंक प्रमुख के हालिया बयान में भ्रष्टाचार की तुलना कैंसर से किए जाने को लेकर काफी परेशान हैं। भ्रष्टाचार अपराध है और उसके लिए शर्मिंदा होना चाहिए लेकिन कैंसर में शर्मिंदा होने जैस कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी देख-रेख में ही कई कैंसर रोगी ठीक हो गए और खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं। वे नहीं चाहती हैं कि कैंसर शब्द की ऐसी तुलना देखकर कैंसर पीडि़तों में अपराध बोध अथवा निराशा जगे।

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