Ritesh Ranjan, INN/Chennai, @royret
आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के सतीश धवन रिसर्च सेंटर से शुक्रवार को एसएसएलवी-डी2/ईओएस का सफल प्रक्षेपण किया गया। एसएसएलवी-डी2 अपने साथ तीन सैटेलाइट लेकर अंतरिक्ष की उड़ान भरा, जिनमें अंतरिक्ष की सैटेलाइट जनुस-1, स्पेसकिड्ज की सैटेलाइट आज़ादी सैट-2 और इसरो की सैटेलाइट EOS-07 शामिल हैं। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने तीनों सैटेलाइट को ऑर्बिट में सही जगह पहुंचाने के लिए टीमों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि एसएसएलवी-डी1 के दौरान जब दिक्कतें आईं तब हमने न केवल उनका विश्लेषण किया बल्कि इस बार की सफल लॉन्चिंग के लिए जरूरी कदम उठाए।
सैटेलाइट आज़ादी सैट-2 के सर्कुलर ऑर्बिट में स्थापित किए जाने के बाद अपनी ख़ुशी जाहिर करते हुए स्पेसकिड्ज की संस्थापक डॉ. केसन ने कहा की हमारा अगला इरादा अपनी बेटियों को चाँद पर पहुंचने का है। डॉ. केसन बताया की स्पेस एक ऐसा विषय है जिसमे लड़कियाँ कम रूचि दिखा रही हैं। दरअसल इसका मुख्य कारण हमारी वर्तमान पारिवारिक और सामाजिक की सोच है। सत कहें तो अब इसे बदलने की आवश्यकता है। उनका कहना है कि भारत में कई ऐसी कल्पना चावला हैं जो दुनियाभर में भारत का परचम लहराने के लिए तैयार हैं।
आज ज़रूरत उन्हें सही प्रशिक्षण देने की है। हमारे इस बड़े अभियान में इसरो और इनस्पेस ने काफी मदद की है। इनकी सहायता से ही हम आज इस मुकाम पर पहुंचने में सफल हो सके हैं। उन्होंने बताया कि इन बच्चों को तैयार करने में उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी।
शुरुआती दौर में तो कई अभिभावकों ने उनके इस प्रयास की हंसी भी उड़ाई लेकिन अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्पित होकर उन्होंने अपना प्रयास और अभियान पर ज़ारी रख। सैटेलाइट आज़ादी सैट-2 को देशभर की 750 छात्राओं ने तैयार किया है। इसके लिए पहसे 300 विद्यालयों से संपर्क कर बातचीत की गई। जिनमें से कुल 75 स्कूल इस अभियान में हमारे साथ आने के लिए तैयार हुए।
Leave a Reply