हिंसा एकतरफी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए की गई हो सकती है: उद्धव ठाकरे
आईएनएन/मुंबई, @Infodeaofficial
राजनीतिक बयानबाजी और उठते सवालों के बीच उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी बात रखी। सबसे पहले, उद्धव ठाकरे ने RSS का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्होंने औरंगजेब के मुद्दे पर बात की। उनके अनुसार, यह मुद्दा राज्य की असल समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए उठाया जा रहा है। उद्धव ने कहा कि राज्य में जो असल मुद्दे हैं, उन पर चर्चा करने की बजाय कुछ और मुद्दों को उछालना सही नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि नागपुर में हुई हिंसा के संदर्भ में जो पुलिस पर हमला हुआ था, उस पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और जो व्यक्ति इस हिंसा में शामिल थे, उनका हाथ काट दिया जाना चाहिए।
उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल की जिम्मेदारी पर भी सवाल उठाया। उनका कहना था कि विधानसभा में काम कैसे चल रहा है, यह राज्यपाल की जिम्मेदारी होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि बहुमत की सरकार आने के बाद लोगों को यह उम्मीद थी कि लाडली बहन (लक्ष्मी योजना) को उनकी योजनाओं का लाभ मिलेगा और किसानों के मुद्दे उठाए जाएंगे। लेकिन यह उम्मीदें पूरी नहीं हो सकीं। इसके बजाय, नागपुर में हिंसा हुई, जो RSS का गढ़ है और सीएम का गृहक्षेत्र भी है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि यह हिंसा क्यों हुई और कौन इसके पीछे था।
उद्धव ठाकरे ने यह भी संकेत दिया कि यह हिंसा एकतरफी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए की गई हो सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि ठीक उसी समय जब ठाणे के नेताओं का भ्रष्टाचार मुद्दा उठने वाला था, उस समय यह हिंसा हुई। इससे साफ पता चलता है कि असली मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए सरकार इस तरह की घटनाओं को बढ़ावा दे सकती है।
इसके अलावा, उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि बहुमत मिलने के बावजूद गंदगी फैलाना और असमाजिक गतिविधियों को बढ़ावा देना बिल्कुल गलत है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि कोई भी औरंगजेब का प्रेमी नहीं हो सकता और इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
उद्धव और आदित्य ठाकरे ने दिशा सालियान के मामले पर भी टिप्पणी की। उद्धव ठाकरे ने यह सवाल उठाया कि यह मुद्दा सिर्फ अधिवेशन में ही क्यों उठता है? जब वह सत्ता में थे, तब क्यों इस मुद्दे को नहीं उठाया गया? हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले की जांच कोर्ट में चल रही है और इस पर पूरी तरह से न्यायिक प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।
राजनीतिक बयानबाजी और उठते सवालों के बीच उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी बात रखी।
सबसे पहले, उद्धव ठाकरे ने RSS का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्होंने औरंगजेब के मुद्दे पर बात की। उनके अनुसार, यह मुद्दा राज्य की असल समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए उठाया जा रहा है। उद्धव ने कहा कि राज्य में जो असल मुद्दे हैं, उन पर चर्चा करने की बजाय कुछ और मुद्दों को उछालना सही नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि नागपुर में हुई हिंसा के संदर्भ में जो पुलिस पर हमला हुआ था, उस पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और जो व्यक्ति इस हिंसा में शामिल थे, उनका हाथ काट दिया जाना चाहिए।
उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल की जिम्मेदारी पर भी सवाल उठाया। उनका कहना था कि विधानसभा में काम कैसे चल रहा है, यह राज्यपाल की जिम्मेदारी होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि बहुमत की सरकार आने के बाद लोगों को यह उम्मीद थी कि लाडली बहन (लक्ष्मी योजना) को उनकी योजनाओं का लाभ मिलेगा और किसानों के मुद्दे उठाए जाएंगे। लेकिन यह उम्मीदें पूरी नहीं हो सकीं। इसके बजाय, नागपुर में हिंसा हुई, जो RSS का गढ़ है और सीएम का गृहक्षेत्र भी है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि यह हिंसा क्यों हुई और कौन इसके पीछे था।
उद्धव ठाकरे ने यह भी संकेत दिया कि यह हिंसा एकतरफी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए की गई हो सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि ठीक उसी समय जब ठाणे के नेताओं का भ्रष्टाचार मुद्दा उठने वाला था, उस समय यह हिंसा हुई। इससे साफ पता चलता है कि असली मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए सरकार इस तरह की घटनाओं को बढ़ावा दे सकती है।
इसके अलावा, उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि बहुमत मिलने के बावजूद गंदगी फैलाना और असमाजिक गतिविधियों को बढ़ावा देना बिल्कुल गलत है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि कोई भी औरंगजेब का प्रेमी नहीं हो सकता और इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
उद्धव और आदित्य ठाकरे ने दिशा सालियान के मामले पर भी टिप्पणी की। उद्धव ठाकरे ने यह सवाल उठाया कि यह मुद्दा सिर्फ अधिवेशन में ही क्यों उठता है? जब वह सत्ता में थे, तब क्यों इस मुद्दे को नहीं उठाया गया? हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले की जांच कोर्ट में चल रही है और इस पर पूरी तरह से न्यायिक प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।