यह जनता है सब जानती है, चुनाव में देगी जवाब: तिरुमावळवन

आईआईएन/चेन्नई, @Infodeaofficial 

पाकिस्तान की कैद से अभिनंदन की रिहाई का श्रेय मोदी को देते हुए विधुतलै चिरुतैगल कटचि (वीसीके) के महासचिव तोल तिरुमावळवन ने कहा कि इससे तमिलनाडु समेत पूरा देश गौरवान्वित महसूस कर रहा है लेकिन इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। इंफोडिया के साथ विशेष बातचीत के दौरान उन्होंने कहा भले ही प्रधानमंत्री अपनी रैलियों में इस मुद्दे को उछालकर वोट की खेती करने की कोशिश कर रहे हों लेकिन यह सही नहीं है और मैं किसी भी हाल में इसका इस्तेमाल करके वोट की राजनीति नहीं करूंगा।

बात के धनी मोदी को बेवकूफ बनाना अच्छी तरह आता है और तमिलनाडु में अपना जनाधार बढ़ाने के लिए वे अपनी रैलियों में अभिनंदन को तमिलनाडु का बेटा कहकर संबोधित कर रहे हैं। ऐसा करने की बजाय अगर वे उन्हें देश का लाल कहकर संबोधित करें तो तमिल लोग अधिक गौरवान्वित महसूस करेंगे।

उन्होंने कहा कि अन्य मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए मोदी देश में युद्ध जैसा माहौल पैदा कर रहे हैं। उन्होंने चुटकी लेते हुए कि लेकिन यह पब्लिक है और सब जानती है। इस बार यहां की जनता ने किसी छलिये को घी नहीं पिलाने का मन पहले से ही बना लिया है।

इंफोडिया: क्या इस बार भी बनेगी मोदी सरकार?
तिरुमावळवन: देश में इस बार मोदी सरकार की वापसी होगी या नहीं यह मैं नहीं जानता लेकिन उनका तमिलनाडु से बाहर होना निश्चित है। चार साल की उदासीनता के बाद अचानक चुनाव के समय कुछ योजनाओं का शिलान्यास करके तथा चेन्नई सेंट्रल का नाम बदलकर वोट पाने की उनकी सोची-समझी योजना उल्टी साबित होगी। जनता उनसे पिछले चुनाव में किए गए वादों का हिसाब मांग रही है और वे अभी भी केवल जुमले बेचने में मशगूल हैं।

प्रधानमंत्री बनने से पहले उन्होंने यहां के किसानों व मछुआरों की समस्याओं का स्थाई हल निकालने का वादा किया था लेकिन हुआ कुछ भी नहीं। यहां के मछुआरे और किसान अभी भी अपनी परेशानियों के समाधान की बाट देख रहे हैं। अपनी विदेश नीति एवं कूटनीति की सफतला का दावा करने वाले मोदी ने श्रीलंकाई तमिलों को उनका हक दिलवा पाने में पूरी तरह से नाकामयाब रहे हैं।

इसके अलावा भाजपा ने राजीवगांधी हत्याकांड के सजायाफ्ता अपराधियों के माफी मामले पर भी जमकर राजनीति की। मोदी के लिए इन दोषियों की रिहाई कोई बड़ी बात नहीं होने के बावजूद उन्होंने पिछले चार सालों से भी अधिक समय से इस मुद्दे का अटका रखा है।

इंफोडिया: आप मोदी की किन उपलब्ध्यिों से प्रभावित हंै?
तिरुमावळवन: लाखों गरीबों को बेरोजगार बनाने वाली विमुद्रीकरण योजना को मैं मोदी की सबसे बड़ी उपलब्धि मानता हूं। इसके बाद राहत देने के बजाय उन्होंने जनता पर डिजिटल इंडिया का बोझ भी डाल दिया। दरअसल देश के युवाओं को बेरोजगारी के दलदल में धकेलने तथा गलत आंकड़े पेश करके मोदी अपनी गलतियों को उपलब्धियां बताकर खुद को हीरो बनाने में लगे हुए हैं। उनके इस प्रयास में उनके साथ उन मंत्रियों की पूरी टीम भी है जिन्हें बीजेपी आंकड़ों का जादूगर मानती है।

इंफोडिया: क्या 2014 की तरह ही इस बार भी मोदी लहर का असर बरकरार है?
तिरुमावळवन: इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि 2014 के लोकसभा चुनाव में पूरे देश में मोदी लहर लोगों के सर चढ़ कर बोल रही थी। भाजपा को कन्याकुमारी सीट पर मिली जीत इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। लेकिन इस बार परिस्थितियां बदल चुकी हैं। तब की मोदी लहर अब मोदी विरोधी लहर में तब्दील हो चुकी है।

पिछले चुनाव के बाद वे जितनी बार भी यहां रैली करने आए हैं उन्हें स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा है। ट्विटर पर ‘गो बैक मोदी’ का हैशटैग तब और अधिक बढ़ जाता है जब वे तमिलनाडु के दौरे पर होते हैं। इस बार वे एआईएडीएमके तथा पीएमके की डूबती नइया पर सवार होकर यहां भाजपा को मजबूत बनाने के फिराक में हैं जो कि असंभव है। साढ़े चार सालों में मोदी की हकीकत पहचान लेने के बाद एनडीए के कई पुराने घटक दल भी इस बार उनका साथ छोड़ चुके हैं।

बीजेपी के साढ़े चार साल के शासन काल के दौरान हिंदुत्व एवं लव जेहाद जैसे मुद्दों ने देश के सौहार्द को बर्बाद करके रख दिया है। इनके चलते मोदी पर से केवल तमिलनाडु का ही नहीं बल्कि पूरे देश की जनता का भरोसा कम हुआ है।

इंफोडिया: इस बार आपकी योजना किस लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लडऩे की है?
तिरुमावळवन: हालांकि हाल ही में हुए डीएमके के साथ गठबंधन में सीटों के बंटवारा हो चुका है लेकिन इनका स्थान निर्धारित होना बाकी है इसके बावजूद उम्मीद है कि मुझे इस बार चिदम्बरम सीट से चुनाव लडऩे का मौका दिया जाएगा। यहां मेरा पैतृक गांव है तथा इस सीट पर मुझे अपनी जीत का पूरा भरोसा है।

इंफोडिया: तमिलनाडु में इस बार एनडीए और युपीए गठबंधन में से कौन अधिक मजबूत कौन?
तिरुमावळवन: तमिलनाडु में इस बार एनडीए का गठबंधन भ्रष्ट एवं व्यापारियों के साथ है। पिछले कुछ सालों में एआईएडीएमके एवं पीएमके के जनाधार में काफी गिरावट आई है इसलिए पैसा और पॉवर के दम पर यहां भाजपा खुद को मजबूत करने की कोशिश में लगी हुई है। लेकिन भाजपा यह भूल गई है कि हिंदू-मुस्लिम तथा विकास के झूठे जुमलों के आधार पर यहां की जनता को अधिक दिनों तक बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता।

तमिलनाडु की जनता इस बार मोदी से पिछले चुनाव में किए गए वादों का हिसाब मांग रही है और मोदी नई योजनाओं का शिलान्यास कर जनता को बेवकूफ बनाने में लगे हुए हैं। जनता मोदी की इस चाल को पहचान चुकी है तथा आगामी लोकसभा में इसका लाभ यूपीए गठबंधन को मिलेगा।

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