डीएमके व उसके सहयोगी दलों ने राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सदन से किया वाकआउट

रीतेश रंजन, आईआईएन/चेन्नई, @Royret

राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी डीएमके ने तमिलनाडु विधानसभा से राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सदन से वाकआउट किया। सोमवार को विधानसभा सत्र का इस साल का पहले दिन था।

राज्यपाल अपना अभिभाषण दे ही रहे थे कि विपक्ष के नेता और डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ विशेष प्रस्ताव पास करने की मांग की।

स्टालिन द्वारा यह मांग रखने पर पूरे सदन में सीएए के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई। इससे पहले स्टालिन ने सीएए को खारीज करने के लिए विधानसभा सचिव को निजी प्रस्ताव सौंपा था।

राज्यपाल ने विपक्ष के नेताओं से अपील की कि इस विषय पर बाद में चर्चा की जा सकती है। जिसके बाद स्टालिन और डीएमके के सहयोगी दल के नेताओं ने सदन से वाकआउट किया।

वाकआउट के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए स्टालिन ने कहा कि राज्य पर कर्जा 4 लाख करोड़ से बढ़ गया है। इसके अलावा राज्य में औघोगिक विकास व रोजगार के अवसर शुन्य होते जा रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्या के सात आरोपियों को रिहा करने के प्रस्ताव पर कोई बात नहीं हो रही।

नागरिकता संशोधन विधेयक अधिनियम बन पाया क्योंकी एआईएडीएमके ने इसका सर्मथन किया। एआईएडीएमके सरकार ने श्रीलंकाई तमिलों और अल्पसंख्यकों के साथ धोखा किया है। नीट पर राज्य सरकार के पक्ष की निंदा करते हुए स्टालिन ने कहा कि हमने नीट के संबंध में दो बार विधेयक पास कर केंद्र सरकार को भेजा लेकिन कुछ नहींं हुआ। हारकर हमें सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।

डीएमके के अलावा आईयुएमएल, कांग्रेस के सदस्यों समेत टीटीवी दिनाकरण ने भी सदन से वाकआउट किया। मनितनेया जननायग कटचि के नेता ऐसा टीशर्ट पहनकर आए जिसपर एन सीएए, एनआरसी और एनपीआर लिखा था। इन नेताओं ने रविवार रात को जेएनयु में हुई हिंसा की घटना की भी निंदा की।

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