आईएनएन/नई दिल्ली, @Infodeaofficial
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मौत के बारे में अभी भी कई संशय बने हुए हैं। इसके बारे में राज्य की जनता को खुलासा होने की अभी भी आश बनी हुई है। लेकिन चीजो को समझने के बाद लगता नहीं की सरकार अपनी ओर से जो प्रयास कर रही है उससे कुछ भी स्पष्ट होकर सामने आ पायेगा।
अपनी नई पार्टी एंटी करप्शन डायनमिक पार्टी के चुनावी घोषणापत्र का खुलासा करते हुए पार्टी के संस्थापक सेवानिवृत न्यायाधीश जस्टिस कर्णन ने कहा कि तमिलनाडु की जनता जयललिता को अम्मा मानती है। वह पूरे राज्य के शुभचिंतकों के लिए अम्मा जैसी थी। इसलिए राज्य की जनता अभी भी इस बात के इंतजार में है कि आखिर उनकी अम्मा के साथ हुआ क्या था ?
पूर्व न्यायाधीश ने आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को किस तारीख को अचेत हुई और किस समय उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया इसके बारे में कोई स्पष्ट खुलासा नहीं है!
यही नहीं उनके वार्ड के पास से सीसीटीवी कैमरे हटाए गए इसके बारे में भी रिपोर्ट में कुछ जिक्र तक नहीं किया गया है।
यही नहीं जब जयललिता का ईलाज चल रहा था तब उनसे मिलने उनके किसी भी रिश्तेदार व करीबी मित्र को क्यों नहीं मिलने दिया गया। हालात के हिसाब से सवाल उठना लाजिमी है खैर, ऐसे बहुतेरे सवाल राज्य की जनता के जेहन में आना स्वभाविक है।
इसलिए जरूरी है कि मामले की जांच सीबीआई या फिर उच्च स्तरीय समिति से कराई जाय। वही पूर्व न्यायाधीश ने यह साफ कर दिया कि अगर उनकी पार्टी राज्य की सत्ता पर काबिज होती है तो सबसे पहले यह कदम उठाएंगे।
इतना ही नही किसानों की फसल उगाई के लिए सिंचाई सबसे बड़ी समस्या है। इसलिए सत्ता में आने पर उनके लिए सरकार की ओर से 10 हजार रुपए मुआवजा एक ही बार मिलेगा।
देश के बुनकर जो कि कौशलयुक्त कर्मचारी हैं उनकी माली हालात आज भी अच्छी नहीं है। इनलोगों के लिए श्रम विभाग द्वारा उचित भत्ता तय किया जाना चाहिए। अगर उनकी सरकार सत्ता में आई तो इन बुनकरों को सरकारी कर्मचारी के तौर पर माना जाएगा।
न्यायपालिका में व्याप्त भरष्टाचार पर अपनी खीज जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति पर जुडिशियल कमिशन बिल पारित किया जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने खारीज कर दिया।
वही जस्टिस कर्णन ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि न्यायपालिका में उनलोगों को सबसे पहले जगह मिलता जो मौजूदा जज के करीबी व रिश्तेदार हों।
जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया में विदेशी दारू से लेकर, सूरा, सुंदरी और पैसे का लेन-देन होता है। इसलिए मेरी पार्टी इस बात के लिए कटिबद्ध है कि जब भी उनकी सरकार सत्ता पर काबिज होगी तो वह जुडिशियल कमिशन बिल को लागु करवाएंगें।
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