जल निकायों की बहाली के दावे को श्वेत पत्र पर साबित करे राज्य सरकार : दिनकरण
आईएनएन/चेन्नई, @Infodeaofficial
अम्मा मक्कल मुनेत्र कषगम के महासचिव टीटीवी दिनकरण ने सोमवार को अपनी मांग को एक बार फिर दोहराते हुए कहा कि राज्य सरकार कुड़ीमरमथ परियोजना (पारंपरिक जल निकायों की बहाली) को लेकर किए जा रहे कार्य को श्वेत पत्र पर साबित करे।
गत शुक्रवार को सरकार ने राज्यभर में पानी के संकट को लेकर उत्पन्न हो रही स्थिति को मद्देनजर रखते हुए कुड़ीमरमथ परियोजना शुरू करने का आदेश दिया था। इसके लिए सरकार ने वित्तीय वर्ष में 499.68 करोड़ की घोषणा भी की है।
यहां पत्रकारों से चर्चा में दिनकरण ने बताया कि कुड़ीमरमथ परियोजना शुरू करने के लिए सरकार द्वारा कई बार कोष जारी किया गया, लेकिन यह किसी को नहीं पता है कि अब तक काम कितना किया गया है। इसे साबित करने के लिए सरकार को श्वेत पत्र पर विस्तृत जानकारी देनी चाहिए।
उन्होंने कहा सरकार दावा करती है कि पहले भी दो बार कोष का आवंटन कर जल निकायों की सफाई कराई गई थी, लेकिन सवाल यह उठता है कि पिछले साल कावेरी नदी से छोड़ा गया अतिरिक्त पानी डेल्टाई जिलों के जल निकायों में जाने के बजाय समुद्र में कैसे चला गया?
डेल्टाई जिलों के किसानों का आरोप है कि लंबे समय से कावेरी जल उनके खेतों तक पहुंचा ही नहीं। इतना ही नहीं अन्य क्षेत्रों में भी जल निकायों में पांच छह फीट झाडिय़ों के साथ पूरा कचरा भरा हुआ है। उल्लेखनीय है कि हाल ही राज्य सरकार ने कुड़ीमरमथ परियोजना शुरू करने के लिए 499.68 करोड़ की घोषणा की थी।
इसके जरिए राज्य के 29 जिलों में जल निकायों की बहाली की शुरुआत होगी। इससे पहले जनवरी 2016 में 100 करोड़ के आवंटन के साथ जल निकायों की बहाली का कार्य शुरू किया गया था। उसके दो महीने बाद सरकार ने इस योजना के तहत चेन्नई, तिरुचि, मदुरै और कोयम्बत्तूर के लिए 1 हजार 519 करोड़ की स्वीकृति दी थी।