आरणी में सिल्क पार्क की स्थापना मेरी प्रमुखताओं में से एक: एमके विष्णु प्रसाद
आईएनएन/चेन्नई, @Infodeaofficial
आरणी सिल्क के लिए काफी प्रसिद्ध है, इसलिए मेरे लिए सबसे पहले प्रमुखता यह रहेगी कि मैं आरणी में सिल्क पार्क की स्थापना करुं। इस सिल्क पार्क की स्थापना से यहां के स्थानीय लोगों को इसका काफी लाभ मिलेगा। रोजगार के अवसर के साथ-साथ यहां के बने उत्पादों को देश के विभिन्न कोने में भेजने के अलावा विदेशों में सरल तरीके से भेजा जाएगा।
इंफोडिया के साथ विशेष बातचीत में इलाके के नवचयनित सांसद विषणु प्रसाद ने बताया कि इससे इस क्षेत्र के लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा और उनके लिए आय के साधन बढ़ेंगे।
वहीं रेल कनेक्टिवीटि काफी जरूरी है ताकि यहां से सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से भेजा जाय। इसके लिए काफी सालों से प्रयास किया जा रहा है लेकिन अबतक कोई नतीजा नहीं निकला हैं।
शेन्बगातोट्टु डाम की मरम्मत या फिर पूनर्निर्माण की काफी जरूरत है। इस डैम के नवीनीकरण से पोरुर, आरणी और वंदवासी के किसानों को सिचाई की सुविधा मिलेगी। यहां के सरकारी अस्पताल में सुविधा के विस्तार की जरूरत है।
वंदवासी सरकारी अस्पताल में स्कैनींग आदि की सुविधा नहीं है। मै चाहता हुं कि इस अस्पताल का विकास कर इसे अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाय। त्रिची जाने वाला नेशनल हाईवे जिसके बीच नेलम में ओवरब्रिज का काम काफी समय से लम्बित है, उसे पूरा करवाना मेरी प्राथमिकताओं में से एक होगा।
मैने वर्ष 2006 से 2011 के दौरान चैयार में सिपकॉट की स्थापना की थी। यह करुणनिधि के कार्यकाल में शुरू हुआ था, जिसमें 65 हजार से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं। मैलम में भी सिपकाट के लिए योजना है। उसके लिए जमीन अधिग्रहण कर लिया गया है। यहां सिपाकाट की जल्द स्थापना के लिए मैं काम करुंगा।
सेंजी में पीने का पानी गम्भीर समस्या है मै उसके स्थाई समाधान के लिए काम कर रहा हुं। यही नहीं इसके अलावा मैं सेंजी को राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के तौर पर विकसीत करना चाहता हुं। इससे स्थानीय लोगों को काफी फायदा मिलेगा। सिल्क पार्क, डैम के अलावा इंडस्ट्रियल हब बनाना चाहते हैं, जिससे कि शिक्षित व अशिक्षित बेरोजगार युवकों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हों।
मै अपने संसदीय क्षेत्र में केंद्र सरकार की कुछ परियोजनाएं जो कि कृषि विश्वविद्यालय, आर्युवेदिक विश्वविद्यालय के लिए शोध परियोजना से जुड़ा काम अपने इलाके में लाना चाहता हुं।