विवि में अनैतिक काम कोई नई बात नहीं: शिक्षाविद

आईएनएन,दिल्ली@Infodeaofficial;
बीते काफी दिनों से सोशल मीडिया पर एक कॉलेज की प्रोफेसर द्वारा महिला छात्रओं को परीक्षा में अच्छे अंक और लोभ देकर अनैतिक कार्य के लिए उकसाने का ऑडियो क्लीप वायरल होने के बाद शिक्षा जगत के काफी लोग अब इस मसले की कलई खोलने में लगे हुए हैं।

अभिभावक, शिक्षक और शिक्षाविद मांग कर रहें हैं कि दोषियों के खिलाफ श त से श त कार्रवाई की जाय। कई शिक्षाविदों का यह भी कहना है कि यह एक कड़वा सच है बहुत देर बाद लोगों के सामने आया है जिसे काफी पहले जाहिर हो जाना चाहिए था। अभी जो वाक्या सामने आया है वह सिक्के का एक पहलु है। एसे कई संस्थान हैं जहां एसे अनैतिक कार्य अभी भी जारी हैं।

वायरल ऑडियो क्लीप में देवांगा आर्ट्स कॉलेज की प्रोफेसर निर्मला देवी कॉलेज की महिला छात्रों को लोभ देकर मदुरै कामराज विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ अनैतिक काम करने के लिए उकसाती नजर आ रही है। प्रोफसर छात्राओं को कहती है कि यदि वे एसा करती हैं तो उन्हें अच्छे अंकों के साथ अच्छे अवसर भी मिलेंगे। चार छात्राओं द्वारा उच्च अधिकारियों के पास शिकायत करने के बाद प्रोफेसर को निल िबत किया गया। अरुपकोट्टै पुलिस ने आईपीसी की धारा 370 और धारा 511 केस दर्ज कर लिया है। दवाब बढ़ता देख मामले की जांच को अब सीबी-सीआईडी को सौप दी गई है।

अन्ना विवि के पुर्व उपकुलपति ई. बालागुरुसामी का कहते है कि ऐसे कई मामले कई शिक्षण संस्थानों में आम बात है। उनका कहना है कि इस मामले में केवल प्रोफेसर से पूछताछ नहीं होनी चाहिए बल्कि मामले में राज्यपाल समेत सभी लोगों की जांच होनी चाहिए। डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन और पीएमके नेता अन्बुमनी रामदास ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। कुछ साल पहले पलनी के कॉलेज में भी ऐसी ही एक घटना सामने आई थी लेकिन मामले को दबा दिया गया। यही नहीं मामले में लिप्त महिला प्रोफेसर को पदोन्नती भी दी गई। विल्लुपुरम में ऐसा ही एक मामला सामने आया था। यहां गरीब छात्राओं को मु त में शिक्षा दी जाती है और इसकी आड़ में उनका शोषण किया जाता था।

गांधीग्राम विश्वविद्यालय के उपकुलपति मार्केडेन का कहना है कि प्रोफेसर की नियुक्ति से पहले हमें उनका बैकग्राउंड जांच करना जरूरी है। एमफील और पीएचडी करने वाले छात्राओं से उनके गाइड अनैतिक काम के लिए दवाब बनाते हैं तब जाकर उनके दस्तावेजों पर हस्ताक्षर होता है। ऐसे मामलों में कई लोग आदतन अपराधी होते हैं और कार्रवाई न होने पर इनका मनोबल बढ़ता जाता है। ऐसे मामलों में पुलिस और अधिकारियों को भी त्वरीत कार्रवाई करनी चाहिए तबजाकर एसे मामलों पर लगाम लगाई जा सकती है।

 

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