अपनों के साथ ने दिया अपने सपने पूरा करने का बल: शम्युक्ता प्रेम
रैम्प में मॉडलो का चलना, उनके लिए डीजाइनर कपड़े तैयार करना, ये सब मुझे काफी प्रभावित करता था। वर्ष 2015 में मेरी शादि हो गई, जिसके बाद मैने अपना करीयर छोड़ दिया।
अंकिता पी दोषी, आईएनएन/चेन्नई, @Infodeaofficial
मेरे पति और परिवार का साथ नहीं मिला होता तो आज मै इस मकाम पर नहीं होती और न ही आप लोगों से मुखातिब हो रही होती। मिसेस इंडिया युनिवर्स ग्लोब 2018 का खिताब जीतने के बाद चेन्नई में हुए संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए ‘मिसेस इंडिया युनिवर्स ग्लोब 2018’ की विजेता शम्युक्ता प्रेम ने कहा “मै शुरू से ही फैशन के क्षेत्र से जुड़ी रही हुं। लंदन स्कूल ऑफ फैशन से पढ़ाई करने के बाद काफी समय तक मैने प्राडा ग्रुप के साथ बतौर डीजाइनर काम किया”।
रैम्प में मॉडलो का चलना, उनके लिए डीजाइनर कपड़े तैयार करना, ये सब मुझे काफी प्रभावित करता था। वर्ष 2015 में मेरी शादि हो गई, जिसके बाद मैने अपना करीयर छोड़ दिया। लेकिन कुछ सालों के बाद मेरे मन में फिर से काम करने की इच्छा जगी। मैने अपने पति से कहा कि ब्युटि पेजेंट प्रतियोगिताओं के प्रति मेरा आकर्षण काफी समय से रहा है और अब मै इसमें अपना हाथ आजमाना चाहती हूँ।
मेरे पति ने बिना झीझक मुझे इसमें हिस्सा लेने की इज़ाज़त दे दी। शादी के बाद मेरा वजन 90 किलो हो गया था जिसे काफी प्रयासों के बाद मैने घटाया। शम्युक्ता ने बताया कि उनकी तैयारियों में उनके पति, प्रेम सुब्बराज की अहम भुमिका रही है। उन्होंने हर पल उनका मनोबल बढ़ाया है।
https://youtu.be/EOVd7b6KmzM
प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के कारण उन्हें हिंदी को सीखने और समझने का बेहतर मौका मिला। यही नहीं प्रतियोगिता की वजह से उन्हें देश के विभिन्न भाग से आए लोगों से मिलने उनकी संस्कृति, वेश-भूषा और भाषा को समझने का मौका मिला। प्रतियोगिता से उन्हें नई चिजों को सीखने का भी मौका मिला।
प्रतियोगिता में 52 प्रतियोगियों ने हिस्सा लिया। यह प्रतियोगिता दो श्रेणी में आयोजित की गई। 21-35 वर्ष की महिलाओं के लिए गोल्ड और 35-50 वर्ष की महिलाओं के लिए प्लेटिनम। शम्युक्ता ने यह अवार्ड गोल्ड श्रेणी में जीता है। वह आगे अंतरराष्ट्रिय स्तर प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगी। उन्होंने बताया कि उनके जीवन का उद्देश्य है कि वह अपना कोई ब्रांड स्थापित करें और समाज कल्याण का कार्य करें।