मलयालम फिल्म आट्टम ने सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए स्वर्ण कमल जीता
INN/Chennai, @Infodeaofficial
मंगलवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में 70 वें राष्ट्रीय फिल्मपुर स्कारों का भव्य आयोजन हुआ। राष्टपति द्रौपदी मुर्मू ने वर्ष 2022 के लिए 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार आज नई दिल्ली में भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा प्रदान किए गए। प्रतिष्ठित पुरस्कार भारतीय सिनेमा में उत्कृष्ट उपलब्धियों का जश्न मनाता है, जिसमें फीचर फिल्मों, गैर-फीचर फिल्मों और सिनेमा पर लेखन सहित कई श्रेणियों में उत्कृष्टता को मान्यता दी गई है। इस अवसर पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री, रेल, और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ-साथ केंद्रीय राज्य मंत्री, आई एंड बी, डॉ एल मुरुगन, सचिव, एम / ओ सूचना और प्रसारण, संजय जाजू, और संयुक्त सचिव (फिल्म्स) मौजूद थे।
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक दादा साहब फाल्के पुरस्कार है, जो कलाकारों की जीवन भर की उपलब्धियों का सम्मान करते हुए सिनेमा के क्षेत्र में भारत का सर्वोच्च पुरस्कार है। विख्यात अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहेब फाल्के सम्मान से नवाजा गया। 2022 में रिलीज हुई फिल्मों में से सर्वश्रेष्ठ फिल्मों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में भारत की सिनेमाई उत्कृष्टता एक बार फिर केंद्र में रही, जिसमें देश की कई भाषाओं की जीवंत और विविधतापूर्ण कहानियों को दिखाया गया। इस साल दक्षिणी सिनेमा एक प्रमुख शक्ति के रूप में उभरा, इस क्षेत्र की फिल्मों और कलाकारों ने कुछ सबसे प्रतिष्ठित सम्मान जीते। मलयालम फिल्म आट्टम ने सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए स्वर्ण कमल जीता, जबकि कन्नड़ ब्लॉकबस्टर कांतारा ने सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म का खिताब जीता।
इस वर्ष के पुरस्कारों ने न केवल व्यक्तिगत उत्कृष्टता का जश्न मनाया, बल्कि भारतीय सिनेमा के निरंतर विकसित और गतिशील परिदृश्य को भी उजागर किया। बेस्ट स्क्रीनप्ले और डायलॉग के साथ सर्वश्रेष्ठफ़िचर फ़िल्म हिंदी के लिए गुलमोहर को सम्मान मिला। मनोज बाजपेयी ने एक बार फिर अपनी अदाकारी का दम दिखाया और गुलमोहर के लिए स्पेशल मेंशन मिला। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का उद्देश्य सौंदर्य और तकनीकी उत्कृष्टता तथा सामाजिक प्रासंगिकता वाली फिल्मों के निर्माण को प्रोत्साहित करना है।
पुरस्कारों का उद्देश्य भारत भर में विभिन्न संस्कृतियों और समुदायों की सराहना बढ़ाना है, जिससे एकता और अखंडता को बढ़ावा मिलता है। नित्या मेनन को फिल्म थिरुचित्रम्बलम में उनके अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ मुख्य अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया। मानसी पारेख को गुजराती फिल्म कच्छ एक्सप्रेस के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का अवार्ड मिला .. बेस्ट कस्टम डिज़ाइनर बेस्ट फिल्म प्रमोटिंग नेशनल, सोशल, एनवारन्मेंटल वैल्यूज सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार सूरज बड़जात्या को फिल्म ‘उंचाई’ के लिए दिया गया। वहीं सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार नीना गुप्ता को फिल्म ‘उंचाई’ के लिए ही दिया गया। सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार पवन मल्होत्रा को हरयाणवी फिल्म फौजा के लिए दिया गया।
बेस्ट डेब्यू फिल्म ऑफ़ अ डायरेक्टर प्रमोद कुमार पोन्नियिन सेलवन: 1 ने बेस्ट सिनेमेटोग्राफी , साउंड डिज़ाइन , बैकग्राउंड म्यूजिक और सर्वश्रेस्ट फिल्म का भी पुरस्कार जीता। इन पुरस्कारों ने विभिन्न भाषाओं, संस्कृतियों, विविधताओं, विषयों और दृष्टिकोणों के सिनेमा को एक समान मंच प्रदान किया है, जहाँ भारत की सभी रचनात्मक ऊर्जाएँ कलात्मक उत्कृष्टता की एकीकृत भाषा बोलने के लिए एकत्रित होती हैं।
ब्रह्मास्त्र-पार्ट-1 के लिए प्रीतम ने सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन, अरिजीत सिंह ने सर्वश्रेस्ट गायक का पुरस्कार प्राप्त किया। सर्वश्रेष्ठ गैर-फीचर फिल्म का पुरस्कार सिद्धांत सरीन द्वारा निर्देशित ‘आयना’ (मिरर) को मिला। सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ पुस्तक का पुरस्कार अनिरुद्ध भट्टाचार्य और पार्थिव धर द्वारा लिखित ‘किशोर कुमार: द अल्टीमेट बायोग्राफी’ को दिया गया।
पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय सिनेमा ने एक उल्लेखनीय विकास देखा है, जिसमें क्षेत्रीय फिल्मों को उनकी कलात्मक प्रतिभा के लिए मान्यता मिली है। ऐसे उदाहरण यह भी साबित करते हैं कि राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विचारों, रचनात्मकता और प्रतिभा को एक साथ लाने के लिए एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में काम करते हैं। भारत के इन खूबसूरत कहानियों को मिला ये राष्ट्रीय सम्मान भारतीय सिनेमा के लिए सफलता के नए आयाम स्थापित कर रहा है।