सूत्रधार संस्थान, की ओर से प्रख्यात दिवंगत फ़िल्म अभिनेता ओमपुरी की याद में तीन दिवसीय “प्रथम आज़मगढ़ अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म फेस्टिवल” का आयोजन राहुल प्रेक्षागृह आज़मगढ़ में 26 सितंबर से शुरू होगा। जिसका टैग लाइन “सामाजिक परिवर्तन का सिनेमा” है।
सुरेन्द्र मेहता, आईएनएन/बिहार, @surendra9000000
इस मौके पर फ़िल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे (महाराष्ट्र) के पूर्व निदेशक श्री त्रिपुरारी शरण, बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता यशपाल शर्मा, फिल्म निर्देशक सीमा कपूर, प्रतिभा शर्मा, पवन कुमार शर्मा, परेश कामदार, राजा बुंदेला और रंगमंच के सिद्धस्त अभिनेता, व फ़िल्म निर्देशक रंजीत कपूर , फ़िल्म व नाट्य समीक्षक अजीत राय, बॉलीवुड के प्रोड्यूसर संजय सहाय क्रमशः तीन दिनों के मुख्य अतिथि रहेंगे। उपरोक्त जानकारी सूत्रधार संस्थान की संयोजिका ममता पंडित ने आयोजित प्रेस वार्ता में बताया। उन्होंने कहा कि हमारी संस्था हर वर्ष आरंगम(आज़मगढ़ रंग महोत्सव) का आयोजन करती रही है। लेकिन इस वर्ष पहली बार हमने आज़मगढ़ अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव का आयोजन किया है। जिसमे आज़मगढ़ शहर के तमाम रंग प्रेमी, सिनेमा प्रेमी हमारा साथ दे रहे हैं और इस फ़िल्म फेस्टिवल को लेकर बहुत उत्साहित हैं।
वहीं आयोजक समिति की सदस्य के रूप में मौजूद डॉ. खुशबू सिंह ने कहा कि हमारी पीढ़ी फूहड़ और अश्लील सिनेमा की ओर आकर्षित होते जा रहा है, ये बहुत गंभीर हालत है ।महजुदा दौर में बाज़ारीकरण के कारण सिनेमा का स्वरूप बदल रहा है और हमारे दर्शक अच्छी फिल्में व नाटक को छोड़कर फूहड़ फ़िल्म और आइटम डांस के प्रति आकर्षित हो रहा है। इसलिए इस अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव से हम सिनेमाई व् कला प्रेमियों को एक संदेश देना चाहते हैं कि हम नाटक और सिनेमा से समाज मे परिवर्तन ला सकते हैं, अच्छी फिल्में देखें, और अच्छे गीत सुनें और दूसरों को भी उद्देश्यपूर्ण, अर्थपूर्ण सिनेमा, नाटक और गीत देखने व सुनने को प्रेरित करें।
प्रेस वार्ता में मौजूद वरिष्ठ महिला रंगकर्मी डॉ. अलका सिंह ने कहा कि ये हमलोगों का पहला प्रयास है, और अब हम इसे हर साल दुहराते रहगें ताकि आज़मगढ़ शहरवासियों को अच्छी फिल्में व नाटक देखने का अवसर मिले और साथ ही सिनेमा के प्रति अच्छी सोच विकसित हो। यह तीन दिवसीय फ़िल्म महोत्सव सभी रंगकर्मियों, कला प्रेमियों, सिनेमा प्रेमियों और आमजनों के लिए प्रेरणादायी साबित होगा।
मौके पर मौजूद “तमसा अ टेल ऑफ हॉली रिवर” फ़िल्म की निर्देशिका रोशनी भाटी ने कहा कि तमसा प्राचीन और पवित्र नदी है, लेकिन अपने गोद में फैल रहे कचरे से परेशान और त्रस्त है! मैं तमसा फ़िल्म के माध्यम से इसका दर्द दिखाने का प्रयास कर रही हूं।
विशेष जानकारी देते हुए संयोजिका ममता पंडित ने बताया कि फ़िल्म महोत्सव की शुरुआत 26 सितंबर को राजा बुंदेला द्वारा निर्देशित फिल्म “अलेक्स हिंदुस्तानी” से की जाएगी। फेस्टिवल के दूसरे दिन बॉलीवुड निर्देशिका गीतांजलि सिन्हा द्वारा निर्देशित “ये खुला आसमान” दिपांक प्रकाश निर्देशित “कागपंथ”, प्रतिभा शर्मा निर्देशित ” आमो आखा एक से”, राजन कोढ़ारी निर्देशित “दास कैपिटल”, पवन कुमार शर्मा निर्देशित “करीम मोहम्मद”, और महोत्सव के अंतिम दिन 28 सितंबर को परेश कामदार निर्देशित “जॉनी जॉनी यस पापा”, त्रिपुरारी शरण निर्देशित ” वो सुबह किधर निकल गया” सीमा कपूर निर्देशित “हॉट दी पिकली बाज़ार”, गौतम घोष निर्देशित “पतंग”, रंजीत कपूर एवं विक्रमजीत सिंह गुल्लड़ द्वारा निर्देशित ” जय हो! “, और महोत्सव के तीनों दिन रोशनी भाटी निर्देशित ” तमसा अ टेल ऑफ हॉली रिवर” फिल्मों को दिखाया जाएगा।
साथ ही उन्होंने बताया कि इस अवसर पर 20 सितंबर से 28 सितंबर तक ” फ़िल्म मेकिंग वर्कशॉप” का भी आयोजन किया गया है। जिसमे रोशनी भाटी के टीम सहित बॉलीवुड के अभिनेता यशपाल शर्मा, निर्देशक त्रिपुरारी शरण, रंजीत कपूर आदि प्रशिक्षक के रूप में शिक्षार्थियों को सिनेमा की बारीकियां सिखाएंगे।
इस मौके पर युवा रंगकर्मी बिस्मिल्लाह खां युवा सम्मान से सम्मानित श्री अभिषेक पंडित जी, तरुण राय, एम पी एस डी से प्रशिक्षित शशिकांत कुमार, रितेश रंजन, संदीप कुमार आदि मौजूद रहें।
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