राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने सर्वोच्च न्यायालय के तीन पब्लिकेशन का विमोचन किया

INN/New Delhi, @Infodeaofficial

राष्ट्रपति भवन में आज राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने सर्वोच्च न्यायालय के तीन पब्लिकेशन का विमोचन किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि हमने देखा है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 75 वर्षों में न्यायिकता के सिद्धांत को मजबूती के साथ आगे बढ़ाया है। गणतंत्र के रूप में हमारे अनुभवों को मजबूत करने में न्यायिकता के सिद्धांत की महतवपूर्ण भूमिका रही है जिसमें सुप्रीम कोर्ट का योगदान अतुलनीय है।

राष्ट्रपति भवन में मंगलवार को राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने सर्वोच्च न्यायालय के तीन पब्लिकेशन का विमोचन किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि आज हम सुप्रीम कोर्ट के 75 वे स्थापना वर्ष को मना रहे हैं जिसमें हमने देखा है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 75 वर्षों में न्यायिकता के सिद्धांत को मजबूती के साथ आगे बढ़ाया है।

हमने देखा है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 75 वर्षों में न्यायिकता के सिद्धांत को मजबूती के साथ आगे बढ़ाया है। गणतंत्र के रूप में हमारे अनुभवों को मजबूत करने में न्यायिकता के सिद्धांत की महतवपूर्ण भूमिका रही है जिसमें सुप्रीम कोर्ट का योगदान अतुलनीय है।

इस अवसर पर बोलते हुए सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जेलों में किसी भी तरीके का जातिगत भेदभाव अब हमने अपने आदेशों के माध्यम से रोक दिया है यह बेहद दुखद था कि जेल में जातिगत आधार पर शोषण और उन्हें कार्य दिये जाते थे जैसे वंचित समुदाय के लोगों को सफाई के काम दिया जाते थे ।

तीनों पब्लिकेशन में जस्टिस फॉर नेशन के जरिए सर्वोच्च न्यायालय के 75 वर्षों का लेखा-जोखा, प्रिजन्स इन इंडिया के अंतर्गत भारत की जेलों में होने वाले सुधार और लीगल एड थ्रू लॉ स्कूल के तहत भारत में न्यायिक मदद की जानकारी शामिल हैं। कार्यक्रम के दौरान सर्वोच्च न्यायालय की न्यायाधीश और तमाम वरिष्ठ अधिवक्ता और न्यायविद मौजूद रहे।

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