मैतेई और कुकी समुदायों के बीच सांप्रदायिक हिंसा में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की भूमिका की हो जाँच: सुप्रीम कोर्ट

INN/New Delhi, @Infodeaofficial

सुप्रीम कोर्ट ने उस ऑडियो रिकॉर्डिंग की जांच करने पर सहमति जताई है, जो कथित तौर पर राज्य में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच सांप्रदायिक हिंसा में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की भूमिका की ओर इशारा करती हैं।

भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने याचिकाकर्ता – कुकी ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट से टेप के स्रोत और इसकी प्रामाणिकता साबित करने के लिए सामग्री का ब्यौरा मांगा है।

आज याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि एक व्हिसलब्लोअर ने मुख्यमंत्री की वो बातचीत रिकॉर्ड की थी। जिसमें सीएम ने स्वीकार किया कि “उन्होंने उग्रवाद को बढ़ावा दिया और हथियार लूटने वालों को बचाया।” भूषण ने कहा कि जब सीएम पर ऐसे गंभीर आरोप हैं तो राज्य इसकी जांच कैसे कर सकता है? ये टेप लांबा आयोग को सौंपा गया था।

केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि याचिकाकर्ता चाहते हैं कि मणिपुर अशांत बना रहे। मामले की जांच चल रही है। सीएम ने शांति सुनिश्चित करने के लिए सभी कुकी विधायकों से मुलाकात की लेकिन व्हिसलब्लोअर अमन नहीं चाहते हैं। SG ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना चाहिए। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इन दलीलों को नहीं माना।

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