आईएनएन/चेन्नई, @Infodeaofficial
बदलते समय के साथ अब कानून में बदलाव करने की भी जरूरत है। हम कई धाराओं और विषय पर उन पुराने नियम को ही लेकर चल रहे हैं जो मौजूदा समय के हिसाब से नाकाफी है। वाईएमआईए बल्डिंग स्थित चोलामंडल आईपी लॉ फर्म ऑफिस में चोलामंडल आईपी लॉ फर्म एंड इंटेलेक्चुअल प्रापर्टी राइट अर्टानी एसोसिएशन द्वारा शनिवार को आयोजित ‘आधुनिक समय में बौद्धिक संपदा कानूनों के आयाम’ पर सेमिनार में अध्क्षीय भाषण देते हुए इंटेलेक्चुअल प्रापर्टी एर्टानी एसोसिएशन के अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता संजय गांधि ने कहा कि मौजूदा दौर में कई कानूनों में सूधार हो रहा है और कई नए कानून बन रहे हैं। ये बदलाव आईपीआर और पर्यावरण के कानूनों में भी आना चाहिए। अब जो नए कानून बन रहे हैं या फिर बदलाव हो रहा है वह अंतरराष्ट्रिय स्तर पर होना चाहिए।
विधि निर्माताओं को किसी भी कानून को बनाने से पहले यह बाते जरूर ध्यान में रखनी चाहिए। वहीं उन्होंने युवा अधिवक्ताओं को सलाह देते हुए कहा कि समाज के उत्थान के लिए उन्हें शोध में ध्यान देना चाहिए साथ ही नए कानून निर्माण में भी सक्रिय भुमिका निभानी चाहिए। इस मौके पर प्रोफेसर बालदंडपानी ने कहा कि अभी भी पूरानी विधि प्रणाली पर काम कर रहे हैं जिनमें कइयों में सूधार और बदलाव लाने की जरूरत है। अभी भी हम अंग्रजों के जमाने के बनाए कई कानून का पालन कर रहे हैं। उनमें कइयों में सूधार की जरूरत है। सेमिनार में देश विदेश के विभिन्न कॉलेज से विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। जिसमें विशाखापट्टिनम के दामोदरन संजीव्या नेशनल लॉ स्कूल से ए. नाव्या, एसआरएम विवि से एम. ऊषा, आलिफिया केएम, कृति प्रिया आदि कई लोगों ने हिस्सा लिया।
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