स्टैंड-अप इंडिया का 2025 तक विस्तार

आईआईएन/नई दिल्ली, @Infodeaofficial 

केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने आज लोकसभा में 2019-20 का केन्द्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि स्टैंड-अप इंडिया का 2025 तक विस्तार किया जा रहा है। वित्त मंत्री ने कहा  कि स्टैंड-अप इंडिया से काफी लाभ हुआ है।

देश में महिलाओं और अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों में से ऐसे हजारों उद्यमी उभरकर सामने आए हैं, जिनमें से अधिकांश लोगों को कारोबार और उद्योग खड़ा करने के लिए स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत पूंजी दी गई थी। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि इस योजना के तहत बैंकों द्वारा मैले की सफाई करने वाली मशीनों और रोबोटों की खरीद सहित मांग आधारित वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार अनेक श्रमिक कानूनों के स्थान पर उन्हें सुसंगत बनाकर चार श्रमिक कानूनों का एक सेट बनाने का प्रस्ताव कर रही है, जिससे पंजीकरण की प्रक्रिया और रिटर्नों को दाखिल करने की प्रक्रिया का मानकीकरण सुनिश्चित होगा, जिससे विवादों में कमी होने की आशा है।

कौशल विकास के क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए, वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के जरिए उद्योग के लिए प्रासंगिक कौशल प्रशिक्षण लेने हेतु लगभग 10 मिलियन युवाओं को सक्षम बनाती है। यह गति और अन्य स्तरों के साथ बहुतायत में कौशलयुक्त जनशक्ति सृजित करने में सहायक है।

विश्वव्यापी जनसांख्यिकीय रुझान यह दर्शाते हैं कि मुख्य अर्थव्यवस्थाएं भविष्य में श्रम की भारी कमी का सामना करेंगी। विदेशों में नौकरी प्राप्त करने के लिए अपने युवाओँ को तैयार करने के लिए, हम भाषा प्रशिक्षण सहति, विदेशों में जरूरी कौशलों पर ध्यान देने पर बल देंगे। हम कृत्रिम बुद्धिमता (आर्टीफिशल इंटेलीजेंस) (एआई), कम्प्यूटर संबंधी उपकरण, बना डाटा 3डी प्रिंटिंग, आभासी वास्तविकता और रोबोट विज्ञान जैसे नए युग के कौशलों पर भी ध्यान देंगे जिसकी देश और विदेश में काफी मांग है और ये काफी ज्यादा पारिश्रमिक प्रदान करते हैं।

वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना के तहत पेंशन योजनाओं के लिए सभी क्षेत्रों में कर्मचारी भविष्य निधि और कर्मचारी पेंशन योजना, दोनों के लिए, सरकार का अंशदान 2016-17 के 8 प्रतिशत से बढ़कर 01.04.2018 को 12 प्रतिशत हो गया है।

इस कदम के परिणामस्वरूप, वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान लाभांवितों की संख्या में लगभग 88 लाख की वृद्धि हुई है। 31-03-2019 तक, योजना के तहत कुल 1,18,05,000 व्यक्ति और 1,45,512 संस्थाएं लाभान्वित हुए हैं।

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