सामाजिक न्याय व सशक्तीकरण विभाग ने बनाया विश्व रिकार्ड

आईएनएन/नई दिल्ली, @Infodeaofficial;
भारत सरकार अपने काम करने के तरीकों से विश्व में अपनी अलग स्थान बनाने में कामयाब हो रही है। इसका एक और उदाहरण यह है कि सामाजिक न्याय व सशक्तिकरण विभाग ने छह श्रेणियों में गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड बनाया है।
यह भारत सरकार के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इन उपलब्धियों के बारे में  केंद्रिय मंत्री डॉ. थावरचंद गहलोत ने कहा कि यह रिकार्ड मंत्रालय ने एक दिन में सबसे अधिक संख्या में सहायक उपकरणों के वितरण, एक दिन में अधिक संख्या में कृत्रिम अंग वितरण, सहायक उपकरण आपूर्ति आदि क्षेत्रों में गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराकर मंत्रालय ने राष्ट्र को गौरवान्वित किया है। 
केंद्रीय मंत्री ने शुक्रवार को नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर इम्पावरमेंट ऑफ पर्सन विद मल्टीपल डिसएबलिटीज (नीपमेड) परिसर में विशेष स्कूली शिक्षा इमारत और दिव्यांगों के लिए बस सेवा का उद्घाटन किया। इस दौरान नमबिक्कै भवन, वेटिंग लॉबी और डाइनिंग एरिया जो कि हॉस्टल और फैमिली कॉटेज है के लिए भूमि पूजन भी किया गया।
गहलोत ने बताया कि नमबिक्कै भवन का निर्माण 20.78 करोड़ रुपए की लागत पर हो रहा है। उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न राज्यों में केरल, महाराष्ट्र के नागपुर, त्रिपुरा, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में 10 नए केंद्र खोलने की योजना है। भोपाल में नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर मेंटल इलनेस केंद्र खोलने की योजना पर भी सरकार विचार कर रही है। 
संस्थान के निदेशक डा. हिमांशु दास ने बताया कि एचआरडी ब्लॉक ऑफ स्पेशल एजुकेशन में 25 कमरों की सुविधा होगी। यहां पर विशेष शिक्षा के लिए शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम और शोध कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसका निर्माण सीपीडब्ल्यूडी द्वारा ३.१७ करोड़ रुपए की लागत से किया जाएगा। इससे विशेष शिक्षा विभाग की जरूरते पूरी होंगी।
एचपीसीएल की सीएसआर इनशिएटिव कार्यक्रम से प्रायोजित दिव्यांगों के लिए विशेष बस में 39 दिव्यांगों के बैठने की सुविधा है और चार व्हीलचेयर को व्यवहार में लाने वाले लोगों के लिए जगह है। इस मौके पर तमिलनाडु की सामाजिक कल्याण व पौष्टिक भोजन कार्यक्रम की मंत्री डा. वी. सरोजा, कांचीपुरम संसदीय निर्वाचन क्षेत्र की सांसद के मरगतम, संयुक्त सचिव डॉली चक्रवर्ती, वित्त सलाहकार टीसीए कल्याणी, सीपीसीएल के अधिकारी व कई अन्य लोग मौजूद थे।

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