आईएनएन/नई दिल्ली, @infodeaofficial
यदि व्यक्ति को सफल बनना है तो उसमें आत्मबल होना जरूरी है। दिव्यांगता सफलता पाने के लिए कोई बाधा नहीं अगर व्यक्ति में आपार आत्मबल भरा हो तो। नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर इमपावरमेंट ऑफ पर्सन विथ मल्टिपल डीसएबलीटिज (एनआईईपीएमडी) में गुरुवार को आयोजित दो दिवसीय नेशनल सम्मिट ऑन इप्लायमेंट ओपरच्युनिटिज फॉर एडल्टस विथ मल्टिपल डीसएबलीटिज एंड फैमिलि मेम्बर्स के पहले दिन उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए एमएसएमई डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट, चेन्नई के सहायक निदेशक एम.वी. लीला कृष्णन ने कहा कि मौजूदा दौर में लोग रोजगार की तलाश करते हैं लेकिन बहुत कम ही एसे लोग हैं जो स्वरोजगार का रास्ता अपनाते हैं।
एसे में दिव्यांगों को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहन देना बहुत ही बेहतरीन प्रयास है। इसके लिए हमे ही नहीं बल्कि अभिभावकों को अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है ताकि वह दिव्यांग बच्चों को बोझ समझने के बजाय उन्हें आत्मनिर्भर बनाएं।
इस मौके पर कांचिपुरम जिले के जिला विकलांग कल्याण अधिकारी श्रीराम ने कहा कि तमिलनाडु पहला प्रदेश है जिसने सरकारी नौकरियों में विकलांगों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण को लागु किया है। इसमें शारीरिक व मानसिक रूप से दिव्यांग लोगों को भी अवसर दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ऐसे लोगों को आत्म निर्भर बनाने और स्वरोजगार के लिए अपनी ओर से कई योजनाओं द्वारा छूट और सबसीडी दे रही है।
वहीें एनएचएफडीसी द्वारा दो प्रतिशत ब्याज दर पर सहकारी बैंकों से दिव्यांग लोगो को लोन की सुविधाप्रदान है। यदि समय पर राशी चुकता कर दी जाय तो सरकार की तरफ से ब्याज की राशी भी माफ कर दी जाती है। इस मौके पर केंद्रिय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सदस्य सचिव पंकज मारु, वीआईटी के वीसी एन. संबंधन, परिवार के अध्यक्ष श्रीरंग एन बिजुर, बेंगलुरु के लिओनार्ड केशयर की क्षेत्रीय प्रतिनिधि केएस रेवती रुकमिनी समेत कई अन्य लोग मौजूद थे।
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