फरवरी, 2019 में औद्योगिक विकास दर 0.1 प्रतिशत रही
आईआईएन/नई दिल्ली, @Infodeaofficial
फरवरी, 2019 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) 127.5 अंक रहा जो फरवरी, 2018 के मुकाबले 0.1 फीसदी ज्यादा है। इसका मतलब यही है कि फरवरी, 2019 में औद्योगिक विकास दर 0.1 फीसदी रही। उधर, अप्रैल-फरवरी, 2018-19 में औद्योगिक विकास दर पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 4.0 फीसदी आंकी गई है।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा फरवरी, 2019 के लिए जारी किये गये औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के त्वरित आकलन (आधार वर्ष 2011-12=100) से उपर्युक्त जानकारी मिली है। 14 स्रोत एजेंसियों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर आईआईपी का आकलन किया जाता है। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी), केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और उर्वरक विभाग भी इन एजेंसियों में शामिल हैं।
फरवरी, 2019 में खनन, विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) एवं बिजली क्षेत्रों की उत्पादन वृद्धि दर फरवरी, 2018 के मुकाबले क्रमश: 2.0 फीसदी, (-) 0.3 फीसदी तथा 1.2 फीसदी रही। उधर, अप्रैल-फरवरी 2018-19 में इन तीनों क्षेत्रों यानी सेक्टरों की उत्पादन वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में क्रमश: 3.0, 3.8 तथा 5.5 फीसदी आंकी गई है।
उद्योगों की दृष्टि से विनिर्माण क्षेत्र के 23 उद्योग समूहों (दो अंकों वाली एनआईसी-2008 के अनुसार) में से 10 समूहों ने फरवरी, 2018 की तुलना में फरवरी, 2019 के दौरान धनात्मक वृद्धि दर दर्ज की है। इस दौरान ‘पहनने वाले परिधानों के विनिर्माण’ ने 19.3 प्रतिशत की सर्वाधिक धनात्मक वृद्धि दर दर्ज की है। इसके बाद ‘खाद्य उत्पादों के विनिर्माण’ का नम्बर आता है जिसने 13.8 प्रतिशत की धनात्मक वृद्धि दर दर्ज की है। इसी तरह ‘फर्नीचर को छोड़ काष्ठ एवं काष्ठ उत्पादों और कॉर्क के विनिर्माण; पुआल सामग्री एवं प्लेटिंग सामग्री के विनिर्माण’ ने 8.3 प्रतिशत की धनात्मक वृद्धि दर दर्ज की है। वहीं, दूसरी ओर ‘मशीनरी एवं उपकरणों के विनिर्माण’ ने (-) 12.8 प्रतिशत की सर्वाधिक ऋणात्मक वृद्धि दर दर्ज की है। इसी तरह ‘मशीनरी एवं उपकरणों को छोड़ गढ़े हुए धातु उत्पादों के विनिर्माण’ ने (-) 10.7 प्रतिशत और ‘फर्नीचर के विर्निमाण’ ने (-) 9.7 प्रतिशत की ऋणात्मक वृद्धि दर दर्ज की है।
उपयोग आधारित वर्गीकरण के अनुसार फरवरी, 2019 में प्राथमिक वस्तुओं (प्राइमरी गुड्स), पूंजीगत सामान, मध्यवर्ती वस्तुओं एवं बुनियादी ढांचागत/निर्माण वस्तुओं की उत्पादन वृद्धि दर फरवरी 2018 की तुलना में क्रमश: 1.2 फीसदी, (-) 8.8 फीसदी, (-) 4.9 फीसदी और 2.4 फीसदी रही। जहां तक टिकाऊ उपभोक्ता सामान का सवाल है, इनकी उत्पादन वृद्धि दर फरवरी, 2019 में 1.2 फीसदी रही है। इसी तरह गैर-टिकाऊ उपभोक्ता सामान की उत्पादन वृद्धि दर फरवरी, 2019 में 4.3 फीसदी रही।
इस प्रेस विज्ञप्ति से जुड़ी सूचना मंत्रालय की वेबसाइट http://www.mospi.nic.in पर भी उपलब्ध है।
विवरण I: औद्योगिक उत्पादन सूचकांक – क्षेत्रवार | ||||||||
(आधार वर्ष : 2011-12=100) | ||||||||
माह | खनन | विनिर्माण | बिजली | सामान्य | ||||
(14.372472) | (77.63321) | (7.994318) | (100) | |||||
2017-18 | 2018-19 | 2017-18 | 2018-19 | 2017-18 | 2018-19 | 2017-18 | 2018-19 | |
अप्रैल | 98.8 | 102.6 | 117.3 | 123.1 | 150.6 | 153.7 | 117.3 | 122.6 |
मई | 101.7 | 107.6 | 125.6 | 130.1 | 158.1 | 164.7 | 124.8 | 129.6 |
जून | 98.5 | 104.9 | 120.3 | 128.6 | 147.4 | 159.9 | 119.3 | 127.7 |
जुलाई | 92.4 | 95.5 | 119.3 | 127.6 | 151.9 | 162.0 | 118.0 | 125.7 |
अगस्त | 92.6 | 92.0 | 124.1 | 130.6 | 155.4 | 167.2 | 122.1 | 128.0 |
सितंबर | 94.4 | 94.5 | 125.6 | 131.6 | 150.5 | 162.9 | 123.1 | 128.8 |
अक्टूबर | 100.8 | 108.2 | 123.7 | 133.9 | 149.8 | 166.0 | 122.5 | 132.8 |
नवंबर | 107.7 | 110.6 | 127.7 | 126.8 | 140.1 | 147.3 | 125.8 | 126.1 |
दिसंबर | 115.5 | 114.4 | 132.0 | 135.9 | 143.9 | 150.3 | 130.6 | 134.0 |
जनवरी | 114.7 | 119.2 | 133.8 | 135.2 | 149.5 | 150.9 | 132.3 | 134.2 |
फरवरी* | 110.1 | 112.3 | 129.7 | 129.3 | 136.1 | 137.7 | 127.4 | 127.5 |
मार्च | 131.6 | 140.2 | 156.7 | 140.3 | ||||
औसत | ||||||||
अप्रैल-फरवरी* | 102.5 | 105.6 | 125.4 | 130.2 | 148.5 | 156.6 | 123.9 | 128.8 |
पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में वृद्धि दर | ||||||||
फरवरी* | -0.4 | 2.0 | 8.4 | -0.3 | 4.5 | 1.2 | 6.9 | 0.1 |
अप्रैल-फरवरी* | 2.3 | 3.0 | 4.6 | 3.8 | 5.2 | 5.5 | 4.3 | 4.0 |
* फरवरी 2019 के आंकड़े त्वरित अनुमान हैं। | ||||||||
नोट : नवम्बर 2018 और जनवरी 2019 के सूचकांकों में उत्पादन के अद्यतन आंकड़े शामिल हैं। |