नई दिल्ली से चेन्नई की दूरी दो घंटे से भी कम समय में पूरी कर सकेंगे

आईएनएन/चेन्नई, @Infodeaofficial 

ब वो दिन दूर नहीं जब नई दिल्ली से चेन्नई तक का सफर दो घंटे से भी कम समय में किया जा सकेगा। इस घोषणा से यह नहीं समझना चाहिए कि विमानों के उड़ान की रफ्तार बढ़ा दी जाएगी। अगर आप यह सोच रहे हैं तो गलत है और यह भी सोचना गलत है कि कोई तेज रफ्तार की बुलेट ट्रेन को इस रूट में दौड़ाया जाएगा।

इंफोडिया से विशेष बातचीत में आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर और आविष्कार हाईपरलूप के संकाय सलाहकार प्रोफेसर डा. एसआर  चक्रवर्ती ने बताया कि उनकी टीम पांचवे चरण के परिवहन साधन पर काम कर रहा है।

यह एक प्रकार की हाईस्पीड ट्रेन होगा जो कि वैक्युम ट्यूब में चलेगा। यह ट्यूब एक टनल की तरह होगा जिसमें ट्रेन सफर करेगी।
इस ट्रेन की स्पीड 1,000-1,200 किमी प्रति घंटा के रफ्तार से सफर करेगी। वैक्युम में हवा के नहीं होने से रफ्तार काफी तेज होगी और ट्रेन को किसी प्रकार की बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।  
प्रोफेसर ने बताया कि उनका यह शोध वर्ष 2021-22 तक पूरा होगा। उसके बाद इसमें सरकार और निजी कंपनियां रुचि ले तो इस आइडिया को वास्तविक रूप दिया जा सकता है।
अभी उन्होंने कॉलेज में 30 मिटर का ट्रैक बनाया है, जिस पर यह हाइपरलूप पॉड चल रहा है।
लेकिन इसमें अभी वैक्युम नहीं है। हम इसे पहले आधे किमी के वैक्युम टनल में परिक्षण करेंगे।
उसके बाद एक किलोमीटर और तब जाकर हमारा प्रयोग पूरा हो जाएगा।
इस परियोजना को वास्तविक रूप देने के लिए हमने विभिन्न् राज्य सरकारों और निजी  कंपनियों को अपना प्रोजेक्ट रिपोर्ट भेजा है।
जिसपर कुछ कंपनियां रुचि  दिखा रही हैं। इस परियोजना को सबसे पहले चेन्नई, बेंगलुरु, मुम्बई और पूणे रूट पर दौड़ाया जाएगा। अगर इसे वास्तविक रूप में विकसित किया जाय तो वह दिन दूर नहीं है कि चेन्नई में रहने वाला व्यक्ति बेंगलुरु के लिए सुबह रवाना होगा और काम खत्मकर रात को बड़े आराम से अपने घर वापस भी हो जाएगा।

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