देशभर के रेलवे ट्रैकों की क्षमता 180 किमी प्रति घंटा रफ्तार!
रेल मंत्रालय के निर्देश पर ऐसे रूटों की पहचान का कार्य शुरू किया जा चुका है, जिन पर यातायात अधिक है। इनके विस्तार के साथ ही ट्रैकों का उन्नयन हाईस्पीड क्षमता के स्तर तक किया जा रहा है।
आईआईएन/नई दिल्ली, @Infodeaofficial
ट्रेन यात्रा का समय घटकर हो जाएगा आधा
देश की पहली सेमी हाईस्पीड बुलेट ट्रेन—18 वंदेभारत इधर काशी से दिल्ली दौडऩे को तैयार खड़ी है। उधर, भारतीय रेलवे ट्रैकों की क्षमता उन्नयन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार देने की ओर बढ़ रहा है। इससे देश में ट्रेन रूट पर यात्रा का औसत समय घटकर लगभग आधा हो जाएगा।
रेलवे बोर्ड के सदस्य (मेम्बर रोलिंग स्टॉक) राजेश अग्रवाल ने बताया कि वंदेभारत की तर्ज पर देश के अन्य रूटों पर सेमी हाईस्पीड ट्रेन—18 दौड़ाया जाएगा।
प्रथम चरण में काशी से दिल्ली के बीच वंदेभारत अतिरिक्त दो अन्य सेमी हाईस्पीड ट्रेने चलाई जाएंगी, ताकि बनारस को क्योटो की तर्ज पर देश के पर्यटन का केंद्र बनाया जा सके। वर्ष 2019—20 में 10 नई ट्रेन-18 बनाकर अन्य रूटों पर चलाई जाएंगी।
दरअसल, रेलवे का उन्नयन कर ट्रेनों की स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटे करके यात्रा समय आधा घटाने की महात्वाकांक्षी योजना पर कार्यरत है। काशी से दिल्ली तक सेमी हाईस्पीड ट्रेन—18 वंदेभारत का सफल परीक्षण कर इस योजना पर काफी आगे बढ़ चुकी है।
दक्षिण रेलवे के महाप्रबंधक आर.के. कुलश्रेष्ठ ने कहा कि रेल मंत्रालय के निर्देश पर ऐसे रूटों की पहचान का कार्य शुरू किया जा चुका है, जिन पर यातायात अधिक है। इनके विस्तार के साथ ही ट्रैकों का उन्नयन हाईस्पीड क्षमता के स्तर तक किया जा रहा है।
काशी से दिल्ली, चेन्नई से बेंगलूरु, मदुरै, कोयम्बत्तूर, हैदराबाद, त्रिवेंद्रम, मंगलूरु, एर्नानाकुलम सहित देश के अन्य रूटों पर हाईस्पीड ट्रेन—18 चलने की संभावना है।
बता दें कि भारतीय रेल की औसत रफ्तार 60—90 किलोमीटर प्रति घंटे थी। पिछले चार साल में हाईस्पीड ट्रेन और इसके लिए ट्रैक उन्नयन की परियोजनाएं शुरू कर इसके सफल परीक्षण के बाद औसत रफ्तार 180 किलोमीटर प्रति घंटे करने की ओर रेलवे तेजीसे आगे बढ़ रहा है।
रेलवे के अभियंताओं का कहना है कि हाईस्पीड ट्रेनों के संचालन से यात्रा के समय में 45 से 55 प्रतिशत की कमी आएगी। उदाहरण के लिए चेन्नई से दिल्ली के बीच अभी यात्रा का औसत समय लगभग 32 घंटे है, जो हाईस्पीड ट्रेन चलने से घटकर 16—18 घंटे रह जाएगी। इसी तरह नई दिल्ली से लखनऊ की ट्रेन यात्रा का समय महज 6 घंटे और नई दिल्ली से बनारस तक 752 किमी की यात्रा 11.30 घंटे के बजाय 8 घंटे में ही पूरी होगी।