डिजिटल दुनिया को टिकाऊ बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए भारत दुनिया में सबसे अच्छा स्थान है: पीयूष गोयल
भारत और ब्रिटेन एआई शिक्षा, टेलीमेडिसिन, जलवायु मॉडलिंग, सटीक कृषि और जैविक रसायन, इलेक्ट्रॉनिक और खाद्य उद्योगों के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी पर सहयोग कर सकते हैं: गोयल
INN/New Delhi, @Infodeaofficial
डिजिटल दुनिया को टिकाऊ बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए भारत दुनिया में सबसे अच्छा स्थान है। यह बात केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में यूके इंडिया बिजनेस काउंसिल के ‘यूके-इंडिया टेक्नोलॉजी फ्यूचर्स कॉन्फ्रेंस’ में बोलते हुए कही।
गोयल ने बताया कि यह समझना महत्वपूर्ण होगा कि भविष्य में डिजिटल दुनिया और संधारणीयता के मुद्दे किस तरह एक दूसरे से जुड़ेंगे। उन्होंने कहा कि ऊर्जा का बड़ा हिस्सा उन प्रणालियों द्वारा खपत किया जाएगा जो डेटा का उत्पादन करेंगे और जिसका संधारणीयता के मुद्दों पर प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि दुनिया में बहुत कम जगहें हैं जहाँ भारत की तरह आपस में जुड़े ग्रिड हैं। उन्होंने कहा कि 2030 तक भारत में एक हजार गीगावाट का ग्रिड होगा जो देश के कोने-कोने में पारंपरिक और नवीकरणीय ऊर्जा के स्वस्थ मिश्रण से जुड़ा होगा। उन्होंने कहा कि डेटा केंद्रों के लिए स्वच्छ ऊर्जा की यह विशाल मात्रा अभूतपूर्व विश्वसनीयता और संधारणीयता प्रदान करती है। उन्होंने बताया कि भारत दुनिया भर के निवेशकों के लिए एक बेजोड़ अवसर प्रदान करता है।
प्रौद्योगिकी और नवाचार में निवेश के लिए भारत को सर्वोत्तम स्थान बताते हुए, गोयल ने बताया कि एक मजबूत कानूनी प्रणाली के अलावा, भारत डेटा गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए एक नया कानूनी ढांचा लाने जा रहा है जो विश्वसनीय भागीदारों के बीच डेटा के मुक्त प्रवाह को प्रोत्साहित करेगा।
गोयल ने कहा कि भारत और ब्रिटेन मिलकर ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों द्वारा उत्पादित उच्च स्तर के नवाचार का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रति जीबी डेटा के मामले में भारत में डेटा की लागत सबसे कम है और यह डेटा का सबसे बड़ा उपभोक्ता भी है। उन्होंने कहा कि भारत में कॉलेजों से निकलने वाले STEM स्नातकों की संख्या सबसे अधिक है और उभरते बाजार द्वारा उत्पन्न की जा रही मांग के साथ, यह भारत को उभरते क्षेत्रों में साझेदारी करने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करता है। गोयल ने कहा कि आज भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ता हुआ दूरसंचार बाजार है और भारत ने दुनिया में कहीं भी सबसे तेजी से 5G की शुरुआत देखी है और जल्द ही पूरा भारत 5G से जुड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत के पास विकसित दुनिया के साथ जुड़ने में हमारी मदद करने के लिए आवश्यक पारिस्थितिकी तंत्र और बुनियादी ढांचा है।
गोयल ने कहा कि भारत अंतरिक्ष क्षेत्र, एनीमेशन, गेमिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑगमेंटेड रियलिटी सहित प्रौद्योगिकी के कई आयामों पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने सेमीकंडक्टर उद्योग में सार्वजनिक वित्त पोषण के माध्यम से बड़े पैमाने पर निवेश किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उद्धृत करते हुए कहा कि हमारा सपना है कि एक दिन दुनिया के हर उपकरण में भारत निर्मित चिप होगी।
गोयल ने कहा कि प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत और ब्रिटेन के बीच सहयोग के क्षेत्रों में उनके पास पांच सुझाव हैं: पहला, एआई सीखने में दोनों देश व्यक्तिगत प्रशिक्षण के लिए मंच बना सकते हैं और आभासी वास्तविकता शिक्षा में हमारे पाठ्यक्रम का हिस्सा बन सकती है; दूसरा, टेली-मेडिसिन में सहयोग से ब्रिटेन में चिकित्सा स्वास्थ्य की लागत कम हो सकती है और भारत के दूरदराज के इलाकों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो सकती है; तीसरा, दोनों देश जलवायु मॉडलिंग उपकरण विकसित करने में सहयोग कर सकते हैं ताकि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं का अनुमान लगाने और उनका प्रबंधन करने में बेहतर स्थिति में लाने में मदद मिल सके; चौथा, सटीक कृषि उपकरण और अवशेष मुक्त खेती ऐसे क्षेत्र हैं जहां भारत उत्पादकता बढ़ाकर लाभ उठा सकता है; और अंत में, जैविक रसायन, इंजीनियरिंग सामान और खाद्य उत्पादों के उद्योग तकनीकी प्रगति के कारण मंथन के दौर से गुजर रहे हैं और दोनों देश इससे मिलने वाले अवसरों का लाभ उठाने के लिए सहयोग कर सकते हैं।