आईआईएन/चेन्नई, @Infodeaofficial
वातावरण में बहती वायु से पानी निकालने की अगर कभी आपने कल्पना भी की होगी तो उस कल्पना को सच करने का आईआईटी मद्रास प्रयास कर रहा है। तीर्था नामक कंपनी के साथ मिलकर आईआईटी मद्रास एक ऐसी डिवाइस का विकास कर रहा है जो वातावरण में मौजूद हवा से पीने का पानी निकाल देगी।
नेरो नाम की यह डिवाइस एक दिन में 4-5 लीटर पीने का पानी वातावरण में मौजूद हवा से निकाल देगी। इस डिवाइस से आमजन को फायदा हो और यह सस्ती दरों पर उपलब्ध हो इसके लिए आईआईटी मद्रास और तीर्था कंपनी के बीच शुक्रवार को एक समझौता किया गया। आईआईटी मद्रास के डीन प्रोफेसर रविंद्र गेट्टु और तीर्था कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दुर्गा दास ने इस समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया।
इस मौके पर आईआईटी मद्रास के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के डा. एम.पी. मैया, तीर्था के सह संस्थापक डा. एसएस शिवकुमार, जयकुमार राव, इफ्तेखर पठान समेत कई अन्य लोग मौजूद थे।
प्रोफेसर रविंद्र गेट्टु ने कहा कि इस समझौते का मुख्य उद्देश्य उन इलाके के लोगों को पीने का पानी मुहैया कराना है जो पारंपरिक जलस्रोत से वंचित हैं। आईआईटी अगले छह महीने से सालभर के अंदर इस डिवाइस को विकसित कर बाजार में उतार देने के प्रयास में है।
इस मौके पर दुर्गा दास ने कहा हम ऐसे मिशन पर काम कर रहे हैं जो कि देश के उन लोगों की मदद कर सके जो अभी भी पानी के स्रोत से वंचित हैं या फिर पानी के लिए उन्हें काफी दूर जाना पड़ता है।
इस तकनीक को प्रयोग में लाने के लिए न तो हमें बिजली की जरूरत होगी और न ही मरम्मत की की। यह डिवाइस रात के समय वातावरण से पानी अवशोषित करेगी और दिन में सौर ऊर्जा को व्यवहार में लाकर पानी देगी।
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