‘मेक इन इंडिया’ परियोजनाओं में बढ़ना चाहिए रूसी उद्योगों की भागीदारी: राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री और उनके रूसी समकक्ष ने मॉस्को में सैन्य एवं सैन्य तकनीकी सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग के 21वें सत्र की सह-अध्यक्षता की
2021-31 के लिए सैन्य तकनीकी सहयोग समझौते के क्रियान्वयन से ‘मेक इन इंडिया’ को आवश्यक प्रोत्साहन मिलेगा: एंड्री बेलौसोव
आईएनएन/मास्को, @Infodeaofficial
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूसी रक्षा मंत्री एंड्री बेलौसोव ने मंगलवार को मॉस्को में भारत-रूस अंतर-सरकारी सैन्य एवं सैन्य तकनीकी सहयोग आयोग (IRIGC-M&MTC)के 21वें सत्र की सह-अध्यक्षता की। रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत-रूस संबंध बहुत मजबूत हैं और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की जिम्मेदारियों को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि 2024 के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस की दो यात्राओं सहित हाल के आदान-प्रदान से संबंध और मजबूत हुए हैं।
राजनाथ सिंह ने भारत सरकार के घरेलू रक्षा उद्योग की क्षमताओं को सभी क्षेत्रों में बढ़ाने और औद्योगिक सहयोग के लिए दृढ़ संकल्प को दोहराया। उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ परियोजनाओं में रूसी उद्योगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए नए अवसरों पर जोर दिया। उन्होंने रूस के साथ विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।
रूसी रक्षा मंत्री ने दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास पर आधारित संबंधों को और गहरा करने पर जोर दिया। उन्होंने आईएनएस तुशील के जलावतरण पर रक्षा मंत्री को बधाई दी। उन्होंने आगे कहा कि 2021-31 के लिए सैन्य तकनीकी सहयोग समझौते के क्रियान्वयन से ‘मेक इन इंडिया’ को आवश्यक प्रोत्साहन मिलेगा। राजनाथ सिंह ने मंत्री बेलौसोव को 2025 में आईआरआईजीसी-एमएंडएमटीसी के 22वें सत्र की सह-अध्यक्षता करने के लिए भारत आने का निमंत्रण दिया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
अंत में, दोनों मंत्रियों ने 21वीं आईआरआईजीसी-एमएंडएमटीसी बैठक के प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए, जिसमें सहयोग के मौजूदा और संभावित क्षेत्रों पर प्रकाश डाला गया। इससे पहले, रक्षा मंत्री ने सेंट्रल मॉस्को में रूसी रक्षा मंत्रालय में गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया। इससे पहले, उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मारे गए सोवियत सैनिकों की स्मृति में मास्को में ‘द टॉम्ब ऑफ़ द अननोन’ पर पुष्पांजलि अर्पित की।