भारत का जोर महिला-नेतृत्व वाले विकास पर है: हरिवंश

INN/Brazil, @Infodeaofficial

जी-20 संसदों के 10वें सम्मेलन में भाग लेने के लिए राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश के नेतृत्व में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल इस समय ब्राजील में है। 6 नवंबर, 2024 को भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने ब्राजील की संसद के सीनेट के अध्यक्ष के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने लोकतंत्र, बहुलवाद और बहुसंस्कृतिवाद के साझा मूल्यों पर आधारित मित्रता और सहयोग के लंबे इतिहास को याद किया। अन्य बातों के अलावा, सतत विकास, व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रगाढ़ करने के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धता का भी उल्लेख किया गया।

इसके बाद, उपसभापति ने “लिंग और नस्ल के परिपेक्ष से जलवायु न्याय और सतत विकास को बढ़ावा देना” विषय पर सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान सतत विकास लक्ष्यों पर हुई प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने दोहराया कि भारत ने महिला विकास के वाच्य को महिला-नेतृत्व वाले विकास से बदल दिया है। उन्होंने नमो ड्रोन दीदी कार्यक्रम का भी उल्लेख किया, जिसके तहत ग्रामीण महिलाओं द्वारा अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करने के उद्देश्य से कृषि उद्देश्यों के लिए किसानों को किराए पर देने के लिए 15,000 स्व-सहायता समूहो को ड्रोन प्रदान किया जाता है। उन्होंने भारत की जलवायु कार्रवाई के पांच अमृत तत्वों (पंचामृत) का भी उल्लेख किया। उन्होंने समावेशी विकास को बढ़ावा देकर अपने विकास और पर्यावरणीय स्थिरता को संतुलित करने के भारत के दृष्टिकोण के बारे में भी बात की। अपनाने और शमन दोनों पर भारत की कार्रवाई को बढ़ाने के लिए शुरू की गई योजनाओं का भी उल्लेख किया गया।

मनोज कुमार झा, संसद सदस्य, राज्य सभा ने “लैंगिक और नस्ल असमानता से लड़ना और महिलाओं की आर्थिक स्वायत्तता को बढ़ावा देना” विषय पर सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव को खत्म करने की भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया, जिसके लिए एक मजबूत कानूनी ढांचा मौजूद है। उन्होंने याद दिलाया कि भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान, जी20 महिला मंत्रियो की सहायता करने के लिए महिला सशक्तिकरण पर एक कार्य समूह बनाया गया था। उन्होंने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, स्टैंड अप इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन जैसी योजनाओं का जिक्र किया, जो कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी और उनकी वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा देने में सहायक रही हैं। उन्होंने भारतीय संसद द्वारा पारित नारी शक्ति वंदन अधिनियम का भी जिक्र किया

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