16088 किलोमीटर की राइड कर फ़्री फ़्लाइइंग ईगल नीतू पहुँची मदुरै

न्यारा संगठन द्वारा संचालित “राइड फॉर यूथ” जागरूकता अभियान के तहत 20 हजार किलोमीटर की राइड के दौरान न्यारा संगठन की नीतू 16088 किलोमीटर की राइड करते हुए देश के  विभिन्न क्षेत्रों – केंद्र प्रशासित प्रदेश लेह, लद्दाख़, जम्मू, कश्मीर तथा राज्यों हिमाचल, पंजाब, उत्तराखंड उत्तरप्रदेश,बिहार , सिलीगुड़ी, आसाम, मेघालय, मिज़ोरम, मणिपुर, मिज़ोरम, नागालैंड, सिक्किम का दौरा करते हुए कोलकत्ता राँची छत्तीसगढ़ भुवनेशवर विशाखापट्टनम, हैदरबाद, बेंगलोर, चेन्नई, पोंडीचेरी अंडमान और निकोबार होते हुए मदुरै पहुँचे ।

आज सुबह मदुरै तेरापंथ भवन में नीतू चोपड़ा का तेरापंथ सभा अध्यक्ष जयंतीलाल जीरावला ने स्वागत किया कार्यक्रम में महिला मंडल अध्यक्ष नयना पारख मंत्री दीपिका फुलफगर , सभा मंत्री धीरज दूगड़ ने आभार ज्ञापन किया कार्यक्रम का संचालन नितेश कोठारी ने किया।

ये राइडर्स अलग अलग प्रदेशों में पहूँचकर यूथ इंटरएक्शन प्रोग्राम के तहत जल तथा पर्यावरण संरक्षण मेंयुवाओं की भूमिका विषय पर युवाओं से  चर्चा करते है। प्रिन्सिपल विजय रक्षित ने बताया की राजकीय राम भजन राय महाविध्यालय देव में यूथ इंटेरेक्शन सेशन आयोजित किया गया जहाँ स्पीकर नीतू चौपड़ा द्वारा छात्रों के साथ जल तथा पर्यावरण संरक्षण पर चर्चा की गयी ।

न्यारा संस्था के 20 वर्षीय प्रोग्राम मेनेजर मुकुल शर्मा ने बताया कि हम दोनो राइडर भारत के 28 राज्यों, 7 केंद्र शासित प्रदेशों तथा भारत के चारों  छोरों खरदूँगला, तेजू , कोटेश्वर तथा कन्यकुमारी तक की राइड कर भारत के एक लाख युवाओं को “जल है तो कल है प्रकृति है तो हम है” का संदेश देंगे ।

 

 प्रधानाध्यापक एम के सिन्हा ने राइड फ़ोर यूथ का द्वितीय चरण में नीतू और मुकुल ने नोर्थ ईस्ट रीजन के सभी राज्यों की राइड ख़त्म कर तीसरे चरण की शुरुआत कलकत्ता से की तथा आज ये राँची जशपुर, छत्तीसगढ़ उड़ीसा होते हुए आंध्रप्रदेश पहुँचे । यहाँ से ये तेलंगाना की तरफ़ प्रस्थान करेंगे ।

ये एक जन आंदोलन है तथा लोगों के सहयोग से ही इसे गति मिल रही है । राइड की अनोखी बात ये है कि ये राइडर्स बिना पैसे के स्थानीय लोगों के सहयोग से खाना, पीना, रहना, पेट्रोल तथा अन्य ज़रूरतें पूरी करते है । विशाखापट्टनम में मारवाड़ युवा मंच द्वारा आवश्यक सहयोग तथा व्यवस्था प्रदान की गयी ।
इस तरह यह चुनौती पूर्ण किंतु साहसिक मिशन सम्पूर्ण भारत के लोगों को लुभा रहा है ।

इस प्रकार ये राइडर मुश्किलों से डट कर सामना करते है तथा परिस्थिति पड़ने पर स्थानीय समाज के लोगों के सहयोग से सहायता लेकर अपने अभियान को गति देते हुए अभी तक 16 राज्य 05 केंद्र शासित प्रदेश तथा भारत के उत्तरी तथा पूर्वी कोनो की राइड समाप्त कर चुके है ।
दूसरे राइडर मुकुल की अचानक पीठ में दर्द होने पर अंडमान से वापसी करनी पड़ी । ग़ौरतलब है कि रेकोर्ड के नियमो की पालना करते हुए अब ये साहसी बेटी
अकेले इस मिशन को अंजाम देगी । यहाँ से ये कन्यकुमारी होते हुए कोची पहुँचेगी ।

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