हिंसक हुआ कर्नाटक में पंचमसाली लिंगायत आरक्षण आंदोलन
आईएनएन/बेंगलुरु, @Infodeaofficial
पंचमसाली लिंगायत समुदाय का आंदोलन तब हिंसक हो गया, जब भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया और बेलगावी में सुवर्ण विधान सौध को घेरने का प्रयास किया। पुलिस ने सुवर्ण विधान सौध की ओर जा रहे हजारों प्रदर्शनकारियों को रोक दिया और चेतावनी दी कि उन्हें आगे मार्च करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस कर्मियों पर पत्थर और जूते फेंके, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया।
सूत्रों के मुताबिक इस घटना में 10 लोग घायल हो गए। हालांकि, खबर लिखे जाने तक इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, हंगामे के कारण कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों में से एक शक्श बीमार पड़ गया। घटना के दौरान कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए।
जैसे ही पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू किया, प्रदर्शनकारी अलग-अलग दिशाओं में बिखर गए। इस कारन बेंगलुरू-पुणे राष्ट्रीय राजमार्ग घंटों तक जाम रहा, जिससे यात्रियों और आम जनता को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। इससे पहले, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक बी.वाई. विजयेंद्र ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की और आंदोलन का नेतृत्व कर रहे जगद्गुरु श्री बसव जयमृत्युंजय स्वामीजी से मुलाकात की। विजयेंद्र ने बेलगावी में पंचमसाली विरोध प्रदर्शन को पूरा समर्थन देने का वादा किया।
इस अवसर पर राज्य विधानसभा में विपक्ष के उपनेता अरविंद बेलाड, भाजपा के पूर्व मंत्री सी.सी. पाटिल और विधायक बसवराज मट्टीमाडु, वरिष्ठ नेता शरणु सालगर और शैलेंद्र बेलडाले सहित पार्टी के प्रमुख नेता मौजूद थे। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की ओर से समाज कल्याण मंत्री एच.सी. महादेवप्पा प्रदर्शन स्थल पर आए और ज्ञापन प्राप्त किया। कुडलसंगम पंचमसाली पीठ के द्रष्टा बसवराज जय मृत्युंजय स्वामी ने पहले ही चेतावनी दी थी कि वे 5,000 ट्रैक्टरों के साथ कर्नाटक विधानसभा का घेराव करने की योजना बना रहे हैं।
उन्होंने पंचमसाली लिंगायतों को आरक्षण देने की मांग पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा कोई प्रतिक्रिया न दिए जाने पर नाराजगी भी जताई। द्रष्टा ने आरोप लगाया है कि आरक्षण के लिए आंदोलन को दबाने के लिए कर्नाटक की कांग्रेस सरकार द्वारा समुदाय के नेताओं को “धमकाया” जा रहा है। द्रष्टा ने चेतावनी दी थी कि अगर कुछ भी गलत हुआ तो राज्य में “रक्त क्रांति” होगी। हालांकि, बाद में उन्होंने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने पर सहमति जताई थी।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने घोषणा की थी कि पंचमसाली 2ए आरक्षण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश और पिछली सरकार द्वारा प्रस्तुत हलफनामे को राज्य विधानसभा में पेश किया जाएगा। सीएम ने कहा, “पंचमसाली समुदाय लंबे समय से 2ए श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग कर रहा है। पदभार संभालने के बाद, मैंने जयमृत्युंजय स्वामीजी सहित उनके नेताओं से दो बार मुलाकात की और उन्हें अपने समर्थन का आश्वासन दिया। हालांकि, इस मुद्दे पर राज्य के स्थायी पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट की आवश्यकता है।”