शतरंज के खेल को जमीनी स्तर तक ले जाने का रहेगा प्रयास : अर्कडी ड्वोरकोविच

Ritesh Ranjan, INN/Chennai, @royret

शिक्षण संस्थानों से जुड़ेगा फीडे

अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महांसघ (फीडे) के दूसरी बार अध्यक्ष बने अर्कडी ड्वोरकोविच 64 वर्गों के इस खेल को और व्यापक स्तर पर ले जाने की सोच रखते हैं। उनका कहना है कि चेस का जमीनी स्तर पर समानांतर विस्तार हो। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए फीडे शिक्षण संस्थानों से जुड़ेगा। 44वें चेस ओलंपियाड के सिलसिले में तमिलनाडु आए फीडे अध्यक्ष ने विशेष साक्षात्कार में अपनी योजनाओं का खुलासा किया। गत रविवार को उनका दूसरी बार इस पद के लिए चुनाव हुआ।

उन्होंने साक्षात्कार में कहा, स्कूलों व कॉलेजों के माध्यम से चेस को बढ़ावा दिया जाएगा। चेस प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षक नियुक्त किए जाएंगे। ये प्रशिक्षक दूरदराज के इलाकों में जाकर विद्यार्थियों को शतरंज का प्रशिक्षण देंगे। बहरहाल, यह योजना सरकारों के समर्थन के बिना लागू नहीं हो सकती। विभिन्न राष्ट्रों की सरकारों से सकारात्मक रुझान की उम्मीद है।

कैदियों को भी सिखाएंगे शतरंज

उनका मानना है कि शतरंज का खेल लोगों को सभ्य बनाता है इसलिए हमारा प्रयास रहेगा कि शतरंज का खेल समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बने। हमारा यह भी प्रयास रहेगा कि जेल में बंद कैदियों को भी शतरंज का प्रशिक्षण दिया जाए।

भारत में चेस ओलंपियाड

चेस ओलंपियाड की मेजबानी को लेकर फीडे अध्यक्ष का कहना था कि कई देशों की चाह है कि वे इसकी मेजबानी करें। भारत ने इतने कम समय में इसकी व्यवस्था कर एक मिसाल कायम की है। यह वाकई चुनौतीपूर्ण कार्य था। हम दिव्यांगों की शतरंज प्रतियोगिता के आयोजन पर काम कर रहे हैं और संभवत: वर्षान्त तक यह आयोजन हो जाएगा। प्रतियोगिता का खर्च फीडे उठाएगा।

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