भारत ने सीरिया से अपने 75 नागरिकों को निकाला

आईएनएन/नयी दिल्ली, @Infodeaofficial

भारत ने सीरिया से अपने 75 नागरिकों को निकाला, जब विद्रोही बलों ने राष्ट्रपति बशर अल-असद की सत्तावादी सरकार को हटा दिया। भारत ने पहले भी कई संकटग्रस्त क्षेत्रों से अपने नागरिकों को सफलतापूर्वक निकालने के लिए अभियान चलाए हैं। यमन से लेकर यूक्रेन तक, इन अभियानों ने भारत की कूटनीतिक कुशलता और अपने नागरिकों की सुरक्षा के प्रति समर्पण को उजागर किया है।
भारत ने भू-राजनीतिक संकटों के दौरान अपने नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता दिखाई है। इन अभियानों से देश की कूटनीतिक कुशलता और मानवीय प्रयास स्पष्ट होते हैं। आइए, कुछ प्रमुख अभियानों पर एक नज़र डालते हैं:
1.ऑपरेशन राहत (2015): यमन में गृहयुद्ध के बीच 4,000 से अधिक भारतीय और विदेशी नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया। इस अभियान में प्रधानमंत्री मोदी के सऊदी अरब के राजा से किए गए फोन ने अहम भूमिका निभाई।
2.केरल नर्सेस रेस्क्यू (2014): भारत सरकार ने इराक के तिकरित में फंसी 46 नर्सों को सुरक्षित बाहर निकाला, जो ISIS के कब्जे वाले क्षेत्र में फंसी हुई थीं।
3.ऑपरेशन समुद्र सेतु (2020): COVID-19 महामारी के दौरान, भारतीय नौसेना ने समुद्र में फंसे लगभग 4,000 भारतीयों को बचाया, जिसमें 23,000 किलोमीटर से अधिक की यात्रा शामिल थी।
4.ऑपरेशन वंदे भारत मिशन (2020-2022): यह नागरिक निकासी का सबसे बड़ा अभियान था, जिसमें महामारी के दौरान लगभग 2.97 करोड़ भारतीयों की वापसी सुनिश्चित की गई।
5.ऑपरेशन देवी शक्ति (2021): अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद, भारत ने 669 लोगों को बचाया, जिसमें भारतीय नागरिकों के साथ-साथ अफगान हिंदू/सिख समुदाय के सदस्य शामिल थे।
6.ऑपरेशन गंगा (2022): रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान 22,500 से अधिक भारतीयों को सुरक्षित निकाला गया। यह ऑपरेशन बड़े पैमाने पर हवाई निकासी पर केंद्रित था।
7.ऑपरेशन कावेरी (2023): सूडान में संघर्ष के दौरान, इस ऑपरेशन के तहत 3,000 से अधिक भारतीयों को विभिन्न स्थानों से निकाला गया।
8.ऑपरेशन होमकमिंग (2011): लीबिया के आंतरिक संघर्ष के दौरान 15,400 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया।

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