बिहार में अब जमीन माफियाओं पर लगेगी लगाम

आईएनएन/पटना, @Infodeaofficial

बिहार में जमीन सर्वे का काम तेजी से चल रहा है. सरकार लोगों को इसमें आ रही परेशानी का हर संभव हल निकाल रही है. जमीन सर्वे में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने बड़ा बदलाव किया है. अब रैयत को खतियान, दस्तावेज या वंशावली के लिए परेशानी नहीं होना होगा.

बिहार में जमीन सर्वे का काम चल रहा है. हालांकि, इसे लेकर रोज नयी समस्या सरकार और रैयतों के बीच देखने को मिल रही है. हजारों की संख्या में ऐसे रैयत सामने आ रहे हैं जिनके पास जमीन तो है, लेकिन उसके कागजात नहीं हैं. सरकार के पास भी उनकी जमीन से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं है. सरकार ने ऐसे रैयतों को सरकार ने बड़ी राहत दी है. जिन रैयतों के पास खतियान या कबाला दस्तावेज नहीं है, उन्हें अपनी बंदोबस्ती की रशीद जमा करनी होगी. अगर बंदोबस्ती रशीद भी उनके पास नहीं है तो उन्हें जमींदारी हस्तानांतरण के समय से अब तक उस जमीन पर शांतिपूर्ण कब्जा दिखाना होगा.

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने 16 सवालों के जवाब जारी किये हैं. इसमें जमीन के स्वामित्व को लेकर सारी स्थिति को स्पष्ट किया गया है. जिनमें जमीन के कागजात, सरकारी जमीन, गैर-मजरूआ जमीन, बकास्त जमीन और वंशावली तैयार करने जैसी महत्वपूर्ण बातें शामिल किया गया है. अब किसी अस्पष्टता या विवाद होने की स्थिति में सर्वे कर्मियों को निर्णय लेने में सुविधा होगी. यह गाइड अगले 10 दिनों में जारी होगी और विभाग की वेबसाइट और सोशल मीडिया पर उपलब्ध होगी. अंचल कार्यालयों और सार्वजनिक जगहों पर भी इसके पोस्टर लगेंगे.

बिहार में अब जमीन माफियाओं पर भी लगाम लगेगी. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग मंत्री ने बताया कि विभाग सारे काम ऑनलाइन कर रहा है. विभाग ने करीब दस से ज्यादा कागजों को स्कैन कराकर डिजिटलाइज कराया गया है. इससे रजिस्टर टू में हेरा फेरी पूरी तरह से बंद हो जाएगी. बता दें कि बिहार में अगस्त से जमीन सर्वे का किया जा रहा है. सरकार सर्वे के आसान बनाने के लिए हर स्तर पर काम कर रही है. ऐसे गाइड जारी करके लोगों को साधारण भाषा में उनकी परेशानी का उपाय समझाया जा रहा है.

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