नक्सलगढ़ में बारूद पर भारी पड़ेंगे बस्तर के खिलाड़ी

आईएनएन/रायपुर, @Infodeaofficial 

नक्सलगढ़ में बस्तर ओलंपिक हो रहा है, सरकार की कोशिश है कि युवा जंगल में नहीं बल्कि खेल के मैदान में अपना भविष्य तय करें, नक्सलगढ़ में बारूद पर भारी पड़ेंगे बस्तर के खिलाड़ी। छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार ने जनजातीय बाहुल्य और माओवाद प्रभावित बस्तर में खेल के माध्यम से विकास और संस्कृति को बढ़ावा देने को लेकर बस्तर ओलंपिक-2024 का आयोजन किया गया है। जिसमें सुदूर गांवों से आए युवा अपने खेल कौशल का प्रदर्शन कर रहे हैं।

बस्तर ओलंपिक 2024 में एथलेटिक्स, वॉलीबाल, फुटबॉल, कबड्डी, खो खो, हॉकी, तीरंदाजी, कराटे, बैडमिंटन, वेटलिफ्टिंग और रस्साकशी जैसे खेलों को शामिल किया गया है। बस्तर क्षेत्र में लंबे समय से माओवाद ने विकास को बाधित किया था। युवा वर्ग जो कभी माओवाद के प्रभाव से मुख्य धारा से जुड़ नहीं पाए थे वे अब बस्तर ओलम्पिक के माध्यम से खेलों की ओर रुख कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव साय ने कहा बस्तर के क्षेत्र में खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए बस्तर ओलंपिक की शुरुआत की गई है । बस्तर क्षेत्र के सवेदनशील इलाकों के युवा भी विकास की मुख्य धारा से जुड़ना चाहते है। छत्तीसगढ़ की बीजेपी ने X पर लिखा बस्तर क्षेत्र में खेल प्रतिभाओं को निखारने और उनके व्यक्तिगत विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बस्तर ओलंपिक 2024 का आयोजन किया गया है, जहां युवा खेलों से जुड़ कर अब नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं।

बस्तर क्षेत्र के खिलाडी कह रहे है,पहले कुछ वर्षों में खिलाडियो के लिए कोई सुबिधा नहीं थी। लेकिन बीजेपी की सरकार आने के बाद खिलाडियो के खेलने के लिए ग्राउंड बन गया है। बस्तर के दूरदराज़ से खिलाड़ी खेलनेके लिए आ रहे हैं। बस्तर ओलंपिक के माध्यम से उन्हें पहली बार जिला स्तर के आयोजन में खेलने का मौका मिला है। ऐसे में बस्तर ओलम्पिक का आयोजन ऐसे युवाओं के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है। यह न केवल राज्य के पारंपरिक खेलों को सहेजने और संवारने का माध्यम बना है, बल्कि युवाओं के भविष्य को गढ़ने में मददगार हो रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *