310 जिलों में स्थान-विशिष्ट जलवायु अनुकूल फसलें और किस्में विकसित की जा रही हैं: शिवराज सिंह
आईएनएन/नयी दिल्ली, @Infodeaofficial
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय शिवराज सिंह चौहान ने आज लोकसभा में अतारांकित प्रश्न के माध्यम से बताया कि देश के 310 जिलों में स्थान-विशिष्ट जलवायु अनुकूल फसलें और किस्में विकसित की जा रही हैं। देश के इन 310 जिलों में से 201 जिले जलवायु परिवर्तन के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हैं। मंत्रालय ने मौसम संबंधी असामान्यताओं वाले 651 जिलों के लिए जिला कृषि आकस्मिक योजनाएँ तैयार की हैं।
आज लोकसभा में प्रस्तुत उत्तर में मंत्रालय ने बताया कि जलवायु अनुकूल गाँवों की अवधारणा 448 स्थानों पर शुरू की गई है, जहाँ 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल करते हुए स्थान-विशिष्ट जलवायु अनुकूल तकनीकों का प्रदर्शन किया गया है। मंत्रालय ने जलवायु परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं पर किसानों को शिक्षित करने के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम भी शुरू किए हैं, ताकि जलवायु अनुकूल तकनीकों को व्यापक रूप से अपनाया जा सके। आईसीएआर ने पिछले 10 वर्षों में जलवायु परिवर्तन के प्रति सहनशील 2177 किस्में जारी की हैं।
केंद्र ने आज कहा कि फसलों, मौसम और पानी के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए 2817 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एक डिजिटल कृषि मिशन को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि महत्वपूर्ण कृषि सूचनाओं पर एक व्यापक भू-स्थानिक प्रणाली बनाने के लिए राज्यों के साथ डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का समन्वय किया जा रहा है।
चौहान ने कहा कि मोदी 3.0 सरकार के 100 दिनों के दौरान किसानों के लिए कई उल्लेखनीय पहल की गई हैं। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप और ग्रामीण उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए 750 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ सेबी पंजीकृत श्रेणी के रूप में एग्रीश्योर फंड शुरू किया गया था। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि ई-कॉमर्स के लिए उन्हें सक्षम करने के लिए लगभग 8000 एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) को डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क पर शामिल किया गया था।