कृषि बिहार के अर्थव्यवस्था की मजबूत कड़ी
आईआईएन/बेगुसराय, बिहार, @Infodeaofficial
कृषि बिहार के अर्थव्यवस्था की मजबूत कड़ी है। राज्य के लगभग 76 % जनसँख्या की आजिविका कृषि किसानों पर आधारित है इसीलिये राज्य के विकास के लिए कृषि और किसानो का विकास अधिक महत्वपूर्ण है। इसी कड़ी में कृषि विभाग बिहार सरकार और नीति आयोग के आई टी सी मिशन के संयुक्त रूप का पहल जिसका पिच लाइन है।
आई टी सी मिशन सुनहरा कल ,जी हां जब इंफोड़िया के विशेष टीम ने कृषि विभाग बिहार सरकार द्वारा आयोजित कृषि यंत्रिकीकरण मेला तेघरा बेगुसराय मेला परिसर में लगा। स्टॉल आई टी सी मिशन व जन निर्माण केंद्र के कार्यो का पड़ताल शुरू किया तो कई चीजें सामने आई। बताते चलें कि नीति आयोग के आकांक्षी जिला बेगूसराय में नीति आयोग तथा आई टी सी के साझेदारी से जून 2018 से 25 गावों में कृषि विकास कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
यह कार्यक्रम आई टी सी की सहयोगी संस्था जन निर्माण केंद्र के पहल पर चल रहा है। वही स्टॉल पर जिला कार्यक्रम समन्वयक चंचल मोहन ने कार्यो के बारे में बताया कि
किसानों के बीच किसान पाठशाला का आयोजन करना तथा प्रदर्शनी खेतों पर ले जा कर किसानों को रबी की फसल में जीरो टिलेज के माध्यम से गेहूं की बुआई करा कर कृषि उत्पाद में लागत कम करने की जानकारी दी जा रही है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड के प्रयोग द्वारा सही पोषक तत्व का चुनाव कर खर्च में कमी की जा सकती है।
जीरो टिलेज तकनीक से सीधी बुआई द्वारा जुताई तथा सिंचाई के खर्च में कमी की जा सकती है। किसानों को निबंधन करवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है ताकि सरकार द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न कृषि योजनाओं का ससमय लाभ मिल सके। इतना ही नहीं विभिन्न कार्यक्रमो में परिचर्चा कर कृषि हितकारी समूह के निर्माण के लाभ पर भी जानकारी दी जा रही है।
वही क्षेत्र पर्यवेक्षक चन्द्रमणि और जय प्रकाश ने कहा कि योजनाओं के लाभ के प्रचार प्रसार हेतु विभिन्न गावों में प्रचार रथ भी दौड़ाए जा रहे हैं। आई टी सी द्वारा मास्टर ट्रेनर ट्रेनिंग कार्यक्रम भी चलाया गया जिसमें जिले के प्रखण्ड कृषि पदाधिकारियों तथा प्रसार कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया जिसका मुख्य उद्देश्य खेती के मानक तरीकों का प्रसार किसानों के बीच करना है ।
किसानों को भ्रांति है कि जुताई नहीं होने से खेत में खर पतवार बढ़ जाएंगे । जीरो टिलेज के प्रदर्शनी खेत पर किसानों को ले जाकर दिखाया गया कि किस प्रकार इस माध्यम से खेती से खर पतवार कम उगते है । ज्ञात हो की सरकार के लक्ष्य किसानों के आय को दोगुनी करने के बास्ते यह अतिआवश्यक है कि बेहतर कृषि प्रबंधन ,नये तकनीकों के इस्तेमाल के द्वारा उत्पादन लागत में कमी लाई जा सकती है ।
साथ ही मशरूम से विभिन्न उत्पादों का निर्माण कर किसानों की आय में बढ़ोतरी संभव है। इस महती कार्य के लिए जिला कृषि पदाधिकारी शैलेश कुमार ,प्रखंड कृषि पदाधिकारी संजय कुमार ,किसान नेता कॉमरेड दिनेश सिंह कृषि समन्वयक ,किसान सलाहकार,संस्था के सचिव राकेश कुमार सिंह सहित सैकड़ों किसानों ने जन निर्माण केंद्र के कार्यो की प्रशंसा किया ।