असम की प्रोफेसर के बाद अब आईआईटी के शोधार्थी ने किया आतंकवादी का समर्थन
फेसबुक पोस्ट लिखकर पुलवामा इस्लामी चरमपंथी आतंकवादी हमले पर व्यक्त की प्रसन्नता, बलिदानी सीआरपीएफ जवानों व सुरक्षा बलों के विरुद्ध की आपत्तिजनक टिप्पणी
आईआईएन/चेन्नई, @Infodeaofficial
जम्मू-कशमीर के पुलवामा में जेहादी तत्व द्वारा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कन्वाय पर आत्मघाती हमले की घटना पर देशभर मेें रोष व क्षोभ व्याप्त है, हालांकि दूसरी ओर देश के भीतर अनेक ऐसी घटनाएं सामने आयी हैं, जिसमें जेहाद समर्थक तत्वों ने आतंकवादी को महिमामंडित करते हुए सीआरपीएफ जवानों के बलिदान का अनादर करने का प्रयास किया है।
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, कर्नाटक व देश के अन्य हिस्सों सहित असम के गुवाहाटी की आइकन कॉमर्स कालेज की अस्स्टिेंट प्राफेसर पापरी बनर्जी द्वारा आतंकवाद के समर्थन में सोशल मीडिया पर भारतीय सुरक्षा बलों के लिए आपत्तिजनक टिप्पणी करने की घटना के बाद देश के प्रतिष्ठित संस्थान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के शोधार्थी द्वारा आपत्तिजनक टिप्पणी की घटना सामने आयी है।
आइकल कॉलेज ने इस प्रोफेसर को निलंबित कर कर दिया है। आईआईटी मद्रास के विद्यार्थियों ने जम्मूकश्मीर मूल के आसिफ शाह के विरुद्ध संस्थान प्रशासन को लिखित शिकायत दी है। हालांकि संस्थान प्रशासन ने अभी तक शाह के विरुद्ध न तो कोई कार्रवाई की है और न ही शिकायतकर्ताओं को कोई संताषजनक उत्तर दिया है।
विदित है कि गत 14 फरवरी को आदिल अहमद डार नामक आतंकवादी ने विस्फोटकों से भरी स्कॉर्पियो को सीआरपीएफ के कन्वाय के एक वाहन से टक्कर मार दी थी। सीआरपीएफ जवानों के 78 वाहन जम्मू से श्रीनगर जा रहे थे। इसमें कुल 2500 जवान थे। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 पर अवंतीपोरा कस्बे के लेथीपोरा के निकट के लगभग 3.30 बजे यह हमला हुआ।
इस हमले में लगभग 25 जवानों के प्राण घटनास्थल पर ही चले गये, जबकि गंभीर रूप से घायल 17 जवानों की मृत्यु उपचार के दौरान हो गयी। जिस वाहन पर हमला हुआ, उसमें 40 जवान सवार थे। हमला इतना भयानक था कि लगभग 12 किलोमीटर तक धमाके की आवाज सुनायी दी। इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामी आतंकवादी संगठन जैश—ए—मुहम्मद ने ली है। आतंकवादी डार ने हमले से पूर्व वीडियो बनाकर जेहाद व जन्नत के लिए इस कुकृत्य को अंजाम देना स्वीकार किया है।
आईआईटी एक एक छात्र ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि आसिफ शाह ने अपने फेसबुक पोस्ट पर पुलवामा हमले पर सार्वजनिक रूप से प्रसन्नता व्यक्त की है। साथ ही उसने भारत की एकता व अखंडता के विरुद्ध बातें भी लिखी हैं। उसका पोस्ट दिखने के बाद आईआईटी के विद्यार्थियों में रोष व्याप्त है। इस संबंध में संस्थान के निदेशक को लिखित शिकायत दी गयी है।
छात्रों का कहना है कि आसिफ शाह को संस्थान से निष्कासित किया जाये और उसके के विरुद्ध देशद्रोह की प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाये। ऐसा नहीं होने पर आंदोलन किया जाएगा।