यौण शोषण मामले में कार्रवाई पर विश्वविद्यालय प्रबंधन लाचार
भारतीय समाज में जैसे- जैसे विकास किया महिला उत्पीड़न रोकने के तमाम कोशिशे ढाक के तीन पात सावित होता दिखाई पड़ रहा है इसी कड़ी में एक नया खुलासा फिर से सनसनी फैला दिया है।
श्रेया जैन, आईआईएन/चेन्नई, @Infodeaofficial
तमिलनाडु के शिक्षण संस्थानों में यौण शोषण और महिला उत्पीड़न के मामलो में दिन ब दिन बढ़ौतरी देखी जा रही है। प्रशासन द्वारा इन मामलों में संलिप्त लोगों के खिलाफ शख्त कार्यवाई के बावजूद भी कोई लगाम नहीं लगाया जा पा रहा है। ऐसा ही एक मामला त्रिची स्थित तमिलनाडु नेशनल लॉ युनिवर्सिटि में भी सामने आया है। यहां की छात्राओं ने एक सिनियर छात्र पर आरोप लगाया है कि उसने इनलोगों के साथ यौण शोषण किया है।
विश्वविद्यालय में फाइनल इयर की पढ़ाई करने वाला छात्र जार्ज नलामुत्तु के खिलाफ संस्थान की करीब 20 छात्राओं ने यौण उत्पीडऩ के मामले दर्ज कराएं हैं। ये वो छात्राएं है जो हिम्मत कर आगे आई हैं, अधिकांश ऐसी है जो अभी भी डर के मारे आगे नहीं आ पा रही। यह कहना है कि विश्वविद्यालय की थर्ड इयर की छात्रा का।
इंफोडिया के साथ विशेष बातचीत में उसने बताया कि जिस छात्र के खिलाफ शिकायत की गई है उसने उसके कई सिनियर छात्राओं को भी अपना शिकार बनाया है पर किसी ने उसके खिलाफ शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई है।बताते चलें कि आरोपी छात्र पढ़ाई में काफी मेधावी है और इसी का फायदा उठाकर वह लड़कियों के साथ बत्तमीजी करता है। वह लड़कियों को अच्छे अंक दिलाने के नाम पर उनके साथ अशलील हरकत करता है और उनके साथ हमबिस्तरी की मांग करता है।
पिछले सप्ताह भी उसने एक लडक़ी के साथ ऐसा ही किया, जब लडक़ी ने उसका विरोध किया तो उसके साथ छेडख़ानी कर वहां से फरार हो गया। लडक़ी ने इसकी शिकायत विश्वविद्यालय प्रबंधन से किया पर ढ़ूल-मूल रवैय्या देखकर उसने इसकी चर्चा अपने साथी विद्यार्थियों से की। जिसके बाद कई विद्यार्थियों ने संस्थान के अंदर विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद प्रबंधन को यह मामला आईसीसी को सौप दिया।
अब इस शिकायत के बाद कई छात्राओं ने जार्ज के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज कराई। विद्यार्थियों का कहना है कि यहां केवल जार्ज ही नहीं बल्कि ऐसे कई छात्र है जो लड़कियों और महिला प्रोफेसरों की गंदी और इरोटिक तस्विरों को वाट्सएप ग्रुप व अन्य सोशल नेटवर्किंग साइट पर साझा कर शर्मिदा करते हैं और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती।
शिकायत में विद्यार्थियों ने आरोपी छात्र को अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा लिखने से रोकने की मांग की थी इसके अलावा कॉलेज से उसे गुड बिहेवियर का सर्टिफिकेट न मिले और उसका गोल्ड मैडल की वापस लिया जाय इसकी गुहार लगाई थी लेकिन इनमें से कोई मांग नहीं मानी गई। विद्यार्थियों का आरोप है कि इसके उलट आरोपी छात्र का बचाव करने में लगी हुई है।
इंफोडिया टीम ने इस बाबत जब जांच अधिकारी जासून चेलाट से बात की तो उन्होंने इस बारे में कुछ भी बात करने से इंकार कर दिया। जब पत्रिका ने सवाल किया कि दोषी छात्र के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है उसपर कोई जवाब देने से इंकार कर दिया। [/su_highlight]
इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुलपति से भी उनकी प्रतिक्रिया जानने की कोशिस की गई पर उनकी ओर से भी कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला। बार-बार कॉल करने पर मीटिंग का बहना कर बात संवाददाता से बात करने से इंकार किया गया। [/su_highlight]