आंध्र प्रदेश में मुर्गों की लड़ाई पर रोक

विक्रम जैन, आईएनएन/आंध्रा प्रदेश, @Jainvikaram18

स बार आंध्र प्रदेश में संक्राति पर होने वाले मुर्गो पर लड़ाई और जलीकट्टू जैसे खेलो पर रोक लगा दी गयी है। संक्रांति में मुर्गों की लड़ाई का खेल आंध्र प्रदेश में काफी प्रसिद्ध है लेकिन प्रशासन ने इसे रोकने के लिए कमर कस ली है। पुलिस ने आयोजकों और सट्टेबाजों पर कार्रवाई करने के लिए टीमों का गठन किया है, जो अलग-अलग जिलो में तैनात रहेगी और इस मुर्गों की लड़ाई का आयोजन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।

प्रशासन ने पिछले दो दिनों में मुख्य रूप से गोदावरी जिलों, कृष्णा और गुंटूर जिले में कड़े कदम उठा रही है। मुर्गों की लड़ाई पर रोक लगाने के लिए पुलिस कड़ी मेहनत कर रही है और प्रत्येक मंडल में टीम का गठन कर रही है। पुलिस के साथ-साथ विशेष प्रवर्तन ब्यूरो (एसईबी) ने भी इस तरह के आयोजनों पर अपनी नजर रखे हुए है। ऑनलाइन गेमिंग, सट्टेबाजी, गुटका, मटका पर चौकसी तेज हो गई है।

शुरुआती चरणों में कई लोगों पर मामले दर्ज किए गए हैं। जिसमें चरवाहे, तलवार चलाने वालों और मुर्गीपालकों को गिरफ्तार किया गया। अकेले एलुरु रेंज (कृष्णा, पश्चिम गोदावरी और पूर्वी गोदावरी जिलों) में 4,395 मामले दर्ज किए गए। मुर्गे के पैर में बांधी जाने वाली चाकू बड़ी मात्रा में बरामद की गई है। चाकू निर्माताओं से 5,243 चाकू जब्त किए गए हैं। इसी तरह रेसिंग और पोकर में शामिल लोगों के खिलाफ कुल 848 मामले दर्ज किए गए हैं।

पुलिस ने चेतावनी दी है कि सट्टेबाजी और सट्टेबाजी संचालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, अगर लॉज में ठहरे किसी व्यक्ति के पास जरूरत से ज्यादा रूपये बरामद होंगे तो उसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी। राज्य भर में मुर्गों की लड़ाई पर रोक लगाने के लिए पुलिस अधिनियम 30 की धारा 144 लागू की जा रही है। इस पुरे मामले को लेकर प्रशासन सख्त है और सरकार द्वारा दिए गए आदेशों का किसी भी तरह का उलंघन किया थो करवाई की जाएगी।

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