आरएसएस शताब्दी वर्ष: संघ कार्य का विस्तार, सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय पुनर्जागरण
तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का अंतिम दिन
आईएनएन/मास्को, @Infodeaofficial
तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के अंतिम दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने एक प्रेस वार्ता आयोजित की। संघ के सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबोले ने बैठक में पारित संकल्पों और संघ की आगामी योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने संघ के शताब्दी वर्ष (2025-2026) के विशेष कार्यक्रमों की भी जानकारी दी। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ की। साथ ही, वीर स्वतंत्रता सेनानी महारानी अबक्का की 500वीं जयंती पर उन्हें भी नमन किया।
उन्होंने कहा कि महारानी अबक्का का जीवन प्रेरणादायक है और समाज को उनसे राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा लेनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि संघ कभी अपनी वर्ष गाँठ नही मनाता है लेकिन अब संघ के सौ वर्ष पूरे हो रहे है ये कोई उत्सव नही है बल्कि आत्म चिंतन का समय है हमने संगठन की कार्यकुशलता विस्तार पर विशेष ध्यान दिया है । संघ की ये यात्रा समाज को संगठित करने , सांस्कृति मूल्यों की रक्षा और राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित रही है । शताब्दी वर्ष में संघ ने कई संकल्प लिए है एवं देश में सकारात्मक परिवर्तन आये इसको लेकर कई योज़नाये भी बनाई है ।
संघ शताब्दी वर्ष के संकल्प और योजनाएँ
1.विजयादशमी 2025 (2 अक्टूबर) से दो लाख स्थानों पर कार्यक्रम होंगे।
2.व्यापक संपर्क अभियान – नवंबर 2025 से जनवरी 2026 तक संघ हर गाँव और नगर में जाकर समाज को जोड़ने का प्रयास करेगा।
3.हिंदू सम्मेलन – मंडल/बस्ती स्तर पर संगठित हिंदू समाज का निर्माण होगा।
4.सामाजिक सद्भाव बैठकें – खंड एवं नगर स्तर पर समाज में समरसता बढ़ाने के लिए बैठकें होंगी।
5.बुद्धिजीवियों के साथ गोष्ठियाँ – जिला स्तर पर विचार-विमर्श आयोजित किए जाएंगे।
6.युवाओं के लिए कार्यक्रम – 15 से 30 वर्ष के युवाओं को राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित किया जाएगा।
संघ की विचारधारा और समाज में भूमिका को लेकर दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि संघ “एक राष्ट्र, एक संस्कृति” की विचारधारा पर कार्य कर रहा है। संघ आधुनिकता और परंपरा में संतुलन बनाए रखते हुए हिंदू समाज को संगठित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है।
वक्फ अधिनियम को लेकर दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि वक्फ द्वारा अतिक्रमण से कई किसान प्रभावित हो रहे हैं और सरकार इस पर समाधान की दिशा में कार्य कर रही है। औरंगजेब की महिमा मंडल पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि जो समाज व राष्ट्र के हित में नहीं हैं, उन्हें प्रतीक नहीं माना जाना चाहिए। धर्म आधारित आरक्षण को लेकर उन्होंने कहा कि ये संविधान विरोधी है उन्होंने कहा कि अदालतें भी इसे कई बार असंवैधानिक ठहरा चुकी हैं।
संघ इसका समर्थन नहीं करता, और डॉ. भीमराव अंबेडकर भी इसके पक्ष में नहीं थे। साथ ही उन्होंने कहा कि राम मंदिर बनना यह केवल संघ की नहीं, बल्कि पूरे हिंदू समाज की उपलब्धि है। दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि संघ अपने शताब्दी वर्ष को संगठन, समरसता और राष्ट्रवाद की भावना को मजबूत करने के लिए उपयोग करेगा। संघ आगे भी अपने संगठनात्मक और सामाजिक सेवा कार्यों का विस्तार करता रहेगा।