जारी रहेगा रेलवे स्कूलों में दाखिला
मजदूर युनियन ने जताया आभार
आईएनएन/चेन्नई, @Infodeaofficial;
दक्षिण रेलवे के महाप्रबंधक आर के कुलश्रेष्ठ का कहना है कि रेलवे स्कूलों का भविष्य रेलवे कर्मचारियों के बच्चों की संख्या पर निर्भर करेगा। रेलवे की मजबूरियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सातवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद रेलवे के अधिकांश कर्मचारी अपने बच्चों को दूसरे बेहतर स्कूलों में पढ़ाने लगे हैं।
ऐसे में बीते कुछ सालों के दौरान रेलवे स्कूलों में रेल कर्मचारियों के बच्चों की संख्या में तेजी से गिरावट आई है। आलम यह है कि आजकल रेलवे के अधिकांश स्कूलों की गाड़ी रेलवे से ज्यादा बाहरी लोगों के बच्चों के प्रवेश की बदौलत चल रही है।
रेलवे के विद्यालयों में तेजी से घट रही रेल कर्मचारियों के बच्चों की संख्या रेलवे द्वारा अपने कर्मचारियों की सुविधा के लिए शुरू की गई रेलवे विद्यालयों की व्यवस्था पर ही सवालिया निशान खड़ा करता है।
हालांकि विद्यार्थियों की गिरती संख्या के चलते इसके भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं इसके बवजूद दक्षिण रेलवे मजदूर यूनियन इन स्कूलों को बंद न करने की मांग को मान लिया गया है। यह अंतरिम आदेश है।
मजदूर यूनियन की माांग को गम्भीरता से लेते हुए दक्षिण रेलवे के महाप्रबंधक आर. के. कुलश्रेष्ठ ने इस ओर कदम उठाते रेलवे स्कूलों में वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए दाखिले की अनुमति का आदेश जारी कर दिया है। गौरतलब है कि रेलवे बोर्ड ने हाल ही में रेलवे द्वारा संचालित स्कूलों को बंद करने के लिए हर जोन के प्रमुख को इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया था।
इस आदेश की सूचना मिलने के बाद यूनियन के महासचिव एन. कन्हैया ने इस संबंध में महाप्रबंधक आरके कुलश्रेष्ठ के समक्ष रेलवे कर्मियों विशेषकर के निचले स्तर के कर्मचारियों के बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए मांग की कि सरकार को यह फैसला वापस लेना चाहिए।
कन्हैया ने अपने पत्र में कहा है कि रेलवे के इस फैसले से रेलवे में निचले स्तर पर काम कर रहे कर्मचारियों के बच्चों का भविष्य संकट में पड़ सकता है।
दक्षिण रेलवे के महाप्रबंधक कुलश्रेष्ठ ने यूनियन की इस मांग को गम्भीरता से लेते हुए इस साल रेलवे स्कूलों में दाखिला चालू रखने का निर्णय लिया है।
निश्चित रूप से महाप्रबंधक के इस फैसले से दक्षिण रेलवे के नौ विल्लुपुरम, जोलरपेट्टै, आराकोणम, पेरंबुर, मदुरै, पालघाट, गोल्डन रॉक अथवा पोनमल्ली, ईरोड और पोतानुर स्कूलों में पढ़ने वाले रेल कर्मचारियों और गैर रेलवे कर्मचारियों के बच्चे लाभान्वित होंगे।
महाप्रबंधक का यह निर्णय रेलवे में निचले स्तर पर काम करने वाले हजारों मजदूरों आदि कम आय वाले कर्मचारियों के बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए वरदान साबित होगा।
Leave a Reply